हैदराबाद के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम टूल रूम सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ टूल डिज़ाइन (सीआईटीडी) ने 10 नवंबर 2015 से 20 वर्षों के लिए “शंक्वाकार आकार के पटाखे (अनार) के उत्पादन के लिए स्वचालित मशीन”नामक आविष्कार का एक पेटेंट प्राप्त किया है।
सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ टूल डिजाइन ने शिवकाशी के मेसर्स स्टैंडर्ड फायरवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड (एसएफपीएल) साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं और विभिन्न आतिशबाजी परियोजनाओं की स्वचालन प्रक्रियाओं के लिए मशीनों के वास्ते 11.49 करोड़ रुपये के ऑर्डर को अंतिम रूप दिया है। एसएफपीएल ने शुरुआत में नीचे के हिस्से फ्लॉवर पॉट्स भरने और पैकिंग, चक्कर भरने तथा चक्कर वाइंडिंग के लिए 300 लाख रुपये का ऑर्डर दिया था। पहली परियोजना के रूप में, सीआईटीडी ने मॉड्यूल -1 (फ्लावर पॉट केमिकल फिलिंग और पैकिंग को मिलाकर) के लिए काम किया है। पूरी परियोजना में 10 अलग-अलग हिस्से शामिल किये गए हैं, जिनमें पेपर कटिंग और पेस्टिंग, केमिकल फिलिंग, वॉशर इंसर्शन व रैमिंग, मड फिलिंग एवं सीलिंग आदि प्रमुख हैं। इस परियोजना का उद्देश्य मानवीय थकान को दूर करने और खतरनाक वातावरण से लोगों को बचाने के लिए उपरोक्त पूरी प्रक्रिया को स्वचालित करना है। इस पूरी प्रक्रिया में न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप है। इसलिए, पटाखा उद्योग में मशीन को संभालना लोगों के लिए पूर्णतया सुरक्षित है।
यह पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक के साथ अपनी तरह का पहला प्रयास है। सीआईटीडी और एसएफपीएल ने मिलकर इस नवाचार के लिए एक संयुक्त पेटेंट आवेदन दायर किया था। इस मशीन की विशिष्टता है कि निर्माण की पूरी प्रक्रिया के दौरान यह पूरी तरह से वायुचालित प्रणाली पर काम करती है। इस प्रक्रिया में उपयोग की जाने वाली कोई भी प्रणाली विद्युत या इलेक्ट्रॉनिक्स नहीं है। इसलिए, इस प्रणाली से आतिशबाजी उद्योगों के क्षेत्र में अक्सर होने वाली अग्नि दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है। फ्लावर पॉट में मूल रसायन के साथ इसके ग्राहक द्वारा परीक्षण किए गए और 120 पीस प्रति मिनट के लक्ष्य उत्पादित पटाखे को प्राप्त किया गया।
फ्लावरपॉट बनाने की मैनुअल प्रक्रिया (स्वचालन से पहले) नीचे दिखाई गई है:
फ्लावरपॉट ऑटोमेशन (एसपीएम)
मशीन की तस्वीर नीचे दी गई है
सीआईटीडी भारत सरकार का एक संगठन है जो एमएसएमई मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में काम करता है। यह वर्ष 1968 में स्थापित किया गया था और उपकरण डिजाइन, सीएडी/सीएएम, कम लागत स्वचालन आदि के क्षेत्र में तकनीकी कर्मियों को प्रशिक्षित करने का एक अग्रणी संस्थान है। यह संस्थान डिप्लोमा स्तर से लेकर स्नातकोत्तर तक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संचालित कर रहा है।
एमजी/एएम/एनके/वाईबी
No comments yet. Be the first to comment!
Please Login to comment.
© G News Portal. All Rights Reserved.