मैं ‘राइनो’ फिल्म के माध्यम से 1990 के दशक के बाद के सोवियत यूक्रेन को चित्रित करना चाहता था : आईएफएफआई-52 में ‘राइनो’ के निर्देशक ओलेह सेंत्सोव ने कहा

मैं ‘राइनो’ फिल्म के माध्यम से 1990 के दशक के बाद के सोवियत यूक्रेन को चित्रित करना चाहता था : आईएफएफआई-52 में ‘राइनो’ के निर्देशक ओलेह सेंत्सोव ने कहा

52वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में वर्ल्ड पैनोरमा खंड की फिल्म ‘राइनो’ के निर्देशक ओलेह सेंत्सोव ने कहा, “मेरी फिल्म काफी हिंसक घटनाओं और मुश्किल दौर पर आधारित है। मैं इस फिल्म के माध्यम से 1990 के दशक से सोवियत संघ के विघटन के बाद के यूक्रेन के लोगों का जीवन दिखाना चाहता था। सेंत्सोव ने आज गोवा में 52वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में मीडिया से बातचीत की।

 

ओलेह सेंत्सोव ने कहा, ‘‘मैं एक स्वयं से सिखा हुआ व्यक्ति हूं और फिल्म निर्माण में देर से आया। जीवन छोटा है और मैं फिल्में बनाते रहना चाहता हूं।’’ सेंत्सोव की फिल्म राइनो का कल आईएफएफआई-52 में एशियन प्रीमियर भी था। फिल्म को इससे पहले वेनिस फिल्म फेस्टिवल 2021 में भी दिखाया गया था।

वेरोनिका वेल्च, जो ‘राइनो’ टीम का हिस्सा हैं, ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि “हमें यकीन नहीं था कि दुनिया भर के दर्शक फिल्म को किस तरह से समझेंगे क्योंकि सोवियत संघ के पतन का विषय बहुत ही स्पष्ट है। लेकिन कला लोगों को जोड़ती है और हमारी फिल्म दिखाती है कि जीवन हमारी पसंद और हमारे आस-पास के माहौल का एक संयोजन होता है और हमेशा एक सवाल होता है कि उन परिस्थितियों पर हमारा कितना नियंत्रण होता है।”

राइनो में यूक्रेन में उस समय की बढ़ती हिंसा के चित्रण के बारे में ओलेह सेंत्सोव ने कहा, “मुझे आपराधिक घटनाओं से नफरत है और हिंसा से नफरत है, लेकिन मैं चाहता था कि यह फिल्म यथार्थपरक हो। यह मेरी वास्तविक कहानी पर आधारित है और पात्र एक अलग तरह से और इतना अच्छा जीवन नहीं जी रहा होता है लेकिन उसके साथ कुछ घटनाएं होने के बाद वह बदल जाता है। मैं कहानी में रोमांस लाने की कोशिश किए बिना इस आपराधिक दुनिया को दिखाना चाहता था। मैं दिखाना चाहता था कि दुनिया कितनी वास्तविक है।”

उन्होंने आगे कहा, “मेरा प्रयास वर्तमान पीढ़ी को यह दिखाने का है कि नब्बे के दशक में यूक्रेन में जीवन कैसा था। यह उन सभी भ्रांतियों को दूर करेगा जो उस समय यूक्रेन में लोगों के जीवन के बारे में उनके मन में हो सकती हैं।”

वेरोनिका वेल्च ने कहा, “युवाओं को शिक्षित करने का यह एक प्रयास है कि सोशल मीडिया में जीवन वास्तविक नहीं है और हमें अच्छा जीवन जीने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। अपराध वहां पहुंचने का रास्ता नहीं है और आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने पर उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।’’

फिल्म के बारे में :- 

फिल्म में एक छोटे चोर की कहानी है, राइनो उपनाम वाला एक युवक 1990 के दशक में यूक्रेन में अपराध की दुनिया में तेजी से आगे बढ़ता है। राइनो काफी शक्तिशाली और क्रूर होता है, लेकिन उसके पास खोने के लिए कुछ भी नहीं बचा है, क्या उसे अंततः इससे मुक्ति का मौका मिलता है या नहीं? यही इस फिल्म में दिखाया गया है।

निर्देशक के बारे में :-

फिल्म के निर्देशक ओलेह सेंत्सोव का जन्म 13 जुलाई 1976 को सिम्फरोपोल, क्रीमियन ओब्लास्ट, यूक्रेनी एसएसआर में हुआ था। वह मूल रूप से एक रूसी व्यक्ति हैं। 1993 से 1998 तक वह कीव में अर्थशास्त्र के छात्र थे और बाद में उन्होंने मॉस्को में फिल्म निर्देशन और पटकथा लेखन का कोर्स किया।

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