सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग (दिव्यांगजन) के अंतर्गत एक स्वायत्त निकाय भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (आईएसएलआरटीसी), नई दिल्ली ने आज डॉ अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, नई दिल्ली में ‘सांकेतिक भाषा दिवस’ मनाया।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कुमारी प्रतिमा भौमिक और श्री ए. नारायणस्वामी कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर शामिल हुए। डीईपीडब्ल्यूडी में सचिव श्रीमती अंजलि भावरा, शिक्षा मंत्रालय में स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के अपर सचिव श्री संतोष सारंगी, डीईपीडब्ल्यूडी में संयुक्त सचिव एवं आईएसएलआरटीसी के निदेशक डॉ. प्रबोध सेठ और अखिल भारतीय बधिर संघ के महासचिव वी. गोपाल कृष्णन भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम के दौरान, केंद्र ने ‘भारतीय सांकेतिक भाषा यात्रा’ पर आधारित एक वृत्तचित्र प्रस्तुत किया। श्रवण बाधित छात्रों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित चौथी भारतीय सांकेतिक भाषा प्रतियोगिता 2021 के विजेताओं की भी घोषणा की गई। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने अपने अनुभव साझा करने के लिए देश के विभिन्न स्थानों के 05 विजेताओं के साथ बातचीत की। एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों को भारतीय सांकेतिक भाषा में बदलने के लिए आईएसएलआरटीसी और एनसीईआरटी के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के अनुसार, कक्षा एक से पांच तक के लिए परिवर्तित पाठ्यपुस्तकों का डिजिटल प्रारूप इस कार्यक्रम के दौरान लॉन्च किया गया।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कुमारी प्रतिमा भौमिक ने भारतीय सांकेतिक भाषा के विभिन्न क्षेत्रों में इस केंद्र द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री ए. नारायणस्वामी ने सांकेतिक भाषा के सामाजिक महत्व पर प्रकाश डाला क्योंकि यह बधिर समुदाय को सामाजिक व सांस्कृतिक रूप से एकीकृत करती है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि दिव्यांगजन (पीडब्ल्यूडी) मानव संसाधन का एक अभिन्न अंग हैं और उन्हें अधिकतम सुगम्यता प्रदान करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और कल्याण को सुनिश्चित करने हेतु मंत्रालय द्वारा विभिन्न निर्णय लिए गये तथा कई नीतियां बनाई गई हैं। प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के साथ सबका प्रयास’ को प्राप्त करने के लिए दिव्यांगजनों का सशक्तिकरण और उन्हें मुख्यधारा में लाने के वास्ते निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
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एमजी/एएम/एनके/एसएस
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