भारतीयों ने खालिस्तान समर्थकों को दिया करारा जवाब, कनाडा में निकाली तिरंगा रैली
भारत में पिछले कई दिनों से जारी किसान आंदोलन में कुछ देशविरोधी तत्व भी अपना स्वार्थ साधने की कोशिश कर रहे हैं. कभी किसानों को धर्म के नाम पर भड़काने की कोशिश की जा रही है तो कभी खालिस्तान समर्थकों द्वारा आंदोलन को हाइजैक करने की कोशिश की खबरें आती रही हैं. इस बीच कनाडा में देशभक्त भारतीयों ने एक तिरंगा रैली निकाली जिसे सिख समुदाय के लोगों का भी भरपूर समर्थन मिला. गुंजन कौर नाम की एक ट्विटर यूजर ने इस बारे में एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि खालिस्तानियों की बजाय सिख समुदाय के साथ खड़े रहने के लिए आप सभी का शुक्रिया.
गुंजन कौर ने आगे हैशटैग लिखा कि सिखों को खालिस्तान नहीं चाहिए. उन्होंने अन्य हैशटैग में कनाडा में हुई तिरंगा रैली का जिक्र करते हुए लिखा कि भारत के लिए सिख और नहीं चाहिए खालिस्तान भी लिखे. इस बीच ऐक्टिविस्ट ग्रेटा थुनबर्ग के सोशल मीडिया हैंडल पर अपलोड किए गए टूलकिट डॉक्यूमेंट की जांच की जा रही है. दिल्ली पुलिस का मानना है कि राष्ट्रीय राजधानी में 26 जनवरी की हुई हिंसा स्क्रिप्टेड थी. पुलिस अब उस आईपी एड्रेस का पता लगाने के लिए गूगल से संपर्क कर रही है, जहां से ये डॉक्यूमेंट अपलोड हुआ था. इस सिलसिले में अब 300 सोशल मीडिया हैंडल संदेह के घेरे में हैं.
दिल्ली पुलिस को नए मोर्चे वुर्चअल सोशल मीडिया अकाउंट का सामना करना है और यह जांच अब अंतर्राष्ट्रीय हो गई है. प्रारंभिक जांच से पता चला है कि टूलकिट एक खालिस्तानी संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन द्वारा बनाया गया है. पुलिस का मानना है कि 26 जनवरी की हिंसा सहित पिछले कुछ दिनों की घटनाओं कें संबंध में टूलकिट में हूबहू एक्शन प्लान का वर्णन है. हालांकि दिल्ली पुलिस इसे देश को बदनाम करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय साजिश मानती है, लेकिन पुलिस ने एफआईआर में किसी को भी नामजद नहीं किया है और इसकी जांच साइबर सेल द्वारा की जाएगी.
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