देश अपनी आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में “आजादी का अमृत महोत्सव” मना रहा है। यह महोत्सव प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित, भारत के लोगों को समर्पित आत्मनिर्भर भारत की रूपरेखा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। कपड़ा मंत्रालय के विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) का कार्यालय, देश के हस्तशिल्प कारीगरों के लिए अपनी विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों में तेजी लाकर, “आजादी का अमृत महोत्सव” की आधिकारिक यात्रा के दौरान सक्रिय रूप से उत्सव में भाग ले रहा है। आजादी का अमृत महोत्सव का शुभारंभ 12 मार्च, 2021 को हुआ।
2 अक्टूबर, 2021 को गांधी जयंती के अवसर पर, विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) के कार्यालय ने देशभर में विभिन्न शिल्पों के 75 प्रशिक्षण केंद्रों पर समर्थ प्रशिक्षण का शुभारंभ किया। समर्थ प्रशिक्षण 2,250 कारीगरों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है और इन केंद्रों पर प्रति प्रशिक्षु 300 रुपये प्रति दिन का मेहनताना दिया जा रहा है। समर्थ प्रशिक्षण के सभी पाठ्यक्रम कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार राष्ट्रीय कौशल योग्यता संरचना (एनएसक्यूएफ) के अनुरुप हैं। सफल प्रशिक्षित कारीगरों को मेहनताने का भुगतान सीधे उनके खाते में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) मोड से किया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान कच्चा माल भी विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाता है।
विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) का कार्यालय हस्तशिल्प प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से हस्तशिल्प कारीगरों को कुशल बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। सभी प्रशिक्षण केंद्रों पर, इन कार्यक्रमों का उद्घाटन विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों, विधानसभाओं के सदस्यों, पार्षदों जैसे स्थानीय प्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों, प्रसिद्ध कारीगरों और केंद्र / राज्य सरकारों के विभिन्न अधिकारियों द्वारा किया गया।
उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान संगोष्ठी/वर्कशॉप/चौपाल का भी आयोजन किया गया, जिनमें कारीगरों को विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) की योजनाओं सहित भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई।
एमजी/एएम/पीके/वाईबी
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