योगी तो मोदी के दूसरे रूप हैं-अशोक गहलोत।
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तय कार्यक्रम के मुताबिक 5 अक्टूबर को पंजाब के नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को जयुपर में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात करनी थी। चन्नी के सम्मान में सीएम गहलोत ने सरकारी आवास पर दोपहर का लंच भी रखा था। लंच में कांग्रेस के विधायकों के साथ साथ समर्थन देने वाले सभी 13 निर्दलीय विधायकों एवं कांग्रेस के प्रमुख पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया था। लेकिन ऐन मौके पर दोनों ही कार्यक्रम रद्द हो गए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों को सूचित किया कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत और प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी को हिरासत में लेने के विरोध में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने 5 व 6 अक्टूबर के विरोध प्रदर्शन का कार्यक्रम दे दिया है, इसलिए अब चन्नी का जयपुर आना भी स्थगित हो गया है। इसी वजह से विधायकों का लंच भी नही हो पा रहा है। हालांकि लंच में शामिल होने के लिए कांग्रेस के विधायक जयपुर पहुंच गए थे, लेकिन विधायकों को प्रात: साढ़े दस बजे ही लंच रद्द होने की सूचना मोबाइल पर वाट्सएप के जरिए मिल गई। चूंकि लंच करीब 250 लोगों का था, इसलिए संबंधित फर्म ने भी सीएमआर मं तैयारी कर ली थी, लेकिन ऐसे सभी तैयारियां धरी रह गई। अनेक विधायक खास कर निर्दलीय विधायक उत्साहित थे कि लंबे समय बाद उन्हें मुख्यमंत्री गहलोत से मिलने का अवसर मिलेगा, लेकिन लंच रद्द होने से ऐसे विधायकों का उत्साह ही धरा रह गया। विधायकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने अपने विधानसभा क्षेत्रों में जाकर विरोध प्रदर्शन में भाग लें।
चन्नी के जयपुर दौरे के राजनीतिक मायने:
भले ही 5 अक्टूबर को पंजाब के सीएम चन्नी जयपुर नहीं आ सकें, लेकिन जल्द ही उनका जयपुर आने का कार्यक्रम बनेगा। चन्नी की राजस्थान के सीएम गहलोत से मुलाकात के राजनीतिक मायने हैं। सब जानते हैं कि पंजाब में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को पीछे धकेल कर चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया है। माना जा रहा है कि राज चलाने और नवजोत सिंह सिद्धू जैसे कांग्रेसियों से निपटने के गुर सीखने के लिए चन्नी जयपुर आ रहे हैं। अशोक गहलोत ने जिन विपरीत परिस्थितियों में अपनी सरकार को बनाए रखा है, उसकी वजह से राजनीति में गहलोत का कद काफी ऊंचा हो गया है। गहलोत की इस पहल से प्रदेश के असंतुष्ट कांग्रेसियों को भी जवाब दिया जा सकेगा।
योगी तो मोदी के दूसरे रूप हैं
5 अक्टूबर को प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जयपुर में भी पैदल मार्च निकाला। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में निकले इस मार्च में मंत्री कांग्रेस के विधायक भी शामिल हुए। कलेक्ट्रेट से चल कर यह मार्च जब प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर पहुंचा तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। गहलोत ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में जो कुछ हुआ वह बेहद ही गंभीर मामला है। प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों को लेकर जो रुख अख्तियार कर रखा है उससे उनकी लोकप्रियता लगातार गिर रही है। गहलोत ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो नरेंद्र मोदी का दूसरा स्वरूप हैं। योगी भी लोगों को डरा धमका कर राज कर रहे हैं। योगी के शासन में ही कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है। प्रियंका गांधी तो मृतक किसानों के परिजन से मिलने के लिए लखीमपुर खीरी जा रही थी, लेकिन रास्ते में ही योगी की पुलिस ने उन्हें रोक लिया। गहलोत ने कहा कि प्रियंका गांधी गलत तरीके से हिरासत में लिया गया। गहलोत ने कहा कि जो लोग कांग्रेस को कमजोर बता रहे हैं वे अच्छी तरह समझ लें कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस मजबूत हो रही है। आज पूरे देश में धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में लगातार अत्याचार बढ़ रहे हैं।