इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने नैसकॉम के 13वें ‘डिजाइन और इंजीनियरिंग शिखर सम्मेलन’ को संबोधित किया

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने नैसकॉम के 13वें ‘डिजाइन और इंजीनियरिंग शिखर सम्मेलन’ को संबोधित किया

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी, कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने आज यहां ‘इंजीनियरिंग द नेक्स्ट’ विषय पर नैसकॉम द्वारा आयोजित ‘डिजाइन और इंजीनियरिंग शिखर सम्मेलन’ के 13वें संस्करण में वर्चुअल रूप से हिस्सा लिया। 6-7 अक्टूबर 2021 को आयोजित किया जा रहा शिखर सम्मेलन वैश्विक इंजीनियरिंग और डिजाइन संबंधी प्रयास का जश्न मना रहा है। 4 उद्देश्यों पर विशेष ध्यान दिया गया है- मूल्य तय करने के लिए अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना, पैमाने और विकास के लिए सह-निर्माण, ग्राहक की सफलता के लिए डिजिटलीकरण और तेज उत्पाद चक्र, कार्य ढांचे के भविष्य को परिभाषित करना और व्यवसाय को स्थिरता लक्ष्यों के साथ श्रेणीबद्ध करना।

शुरुआती टिप्पणी में, श्री चंद्रशेखर ने कहा कि इंजीनियरिंग, अनुसंधान और विकास (ईआर एंड डी) क्षेत्र 31 अरब डॉलर से अधिक राजस्व पैदा करता है और 1000 से ज्यादा वैश्विक कंपनियों ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्पाद संबंधी अनुसंधान एवं विकास के लिए भारत में केंद्र स्थापित किए हैं। इसके अलावा, शीर्ष 50 इंजीनियरिंग सेवा प्रदाताओं में से 12 का मुख्यालय भारत में हैं और शीर्ष 50 सेवा प्रदाताओं में से 44 की ईआर एंड डी गतिविधियां भारत में संचालित होती हैं। 50 सबसे नवोन्मेषी वैश्विक कंपनियों में से 70 प्रतिशत से ज्यादा का भारत में एक अनुसंधान एवं विकास केंद्र है। यह लगभग वैसा ही है, जैसे हमारे उपभोग किए जाने वाले लगभग हर उत्पाद में ‘इंडिया इनसाइड’ होता है।

उन्होंने कहा कि अभी सबसे अच्छा बाकी है और विनिर्माण, इंजीनियरिंग और डिजिटलीकरण में अबतक अछूते रहे अवसर अगले पांच वर्षों में एक ट्रिलियन-डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था के हमारे विजन को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

महामारी ने नवाचार के लिए एक अपरिवर्तनीय बदलाव कर दिया है और नए अवसर पैदा हो रहे हैं कि कैसे बिना संपर्क वाली प्रणाली, इंटेलिजेंस, एनालिटिक्स और सॉफ्टवेयर के जरिए उत्पादों की डिजाइन हो, इंजीनियरिंग, उपभोग और सेवा दी जाए। ये सभी ढांचागत बदलाव क्षमता में बदलाव की मांग करते हैं जिसमें एंबेडेड सिस्टम, डिजिटल नवाचार और साइबर सुरक्षा शामिल हैं।

श्री चंद्रशेखर ने कहा कि इस आयोजन का विषय ‘इंजीनियरिंग द नेक्स्ट’ दिलचस्प है और भारत को इन चीजों का नेतृत्व करना चाहिए- दुनिया और भारत के लिए नवोन्मेषी समाधान तैयार करना, अगले बिलियन के लिए निर्माण करें, ऐसे समाधान बनाएं जो हमें अपने एसडीजी लक्ष्यों को पूरा करने में सक्षम बनाए और ऐसे हल निकालें जो अगली महामारी को रोक सके। उन्होंने कहा, ‘खुद एक इंजीनियर के रूप में, निर्माण का आनंद होता है और जब यह हमारे देश के विकास और नवाचार से जुड़ जाता है तो यह और भी प्रशंसनीय हो जाता है।’

जब से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में डिजिटल इंडिया की शुरुआत की है, भारत वैश्विक नवाचार सूचकांक में ऊपर जा रहा है और वर्तमान में 46वें स्थान पर है। 2016 में 66वें पायदान से 20 अंकों का सुधार हुआ है। भारत में एक नया उत्साह भी है और हमारे स्टार्ट-अप उद्यमियों में कर सकने की भावना भी है। 2021 में 27 यूनिकॉर्न और 20 अरब डॉलर से ज्यादा की फंडिंग हुई है। भारत में स्टार्ट-अप आईपीओ की बाढ़ साफतौर पर इसे स्टार्ट-अप का साल बनाती है।

प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत की महत्वाकांक्षा बढ़ और विस्तारित हो रही है और यह केवल स्टार्ट-अप नहीं, सरकार की पीएलआई योजना को भी अभूतपूर्व प्रतिक्रिया मिली है। इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर के लिए स्वीकृत प्रस्तावों से अगले 4 वर्षों में 22 अरब डॉलर से ज्यादा का उत्पादन होना चाहिए। पीएलआई योजना को टेक्सटाइल, ऑटो आदि क्षेत्रों में विस्तारित किया गया है और मेक इन इंडिया विजन वैश्विक और भारतीय कंपनियों को देश में निर्माण करने के लिए आकर्षित कर रहा है। मैं ईआर एंड डी क्षेत्र के बारे में सोचता हूं और यह बहुत महत्वपूर्ण है। भारत डिजाइन, इंजीनियर और निर्माण के साथ देश में एकीकृत साझीदार हो सकता है।

अपने भाषण के आखिर में, श्री चंद्रशेखर ने उल्लेख किया, ‘कौशल विकास मंत्री के रूप में मेरी अन्य भूमिका में, प्रौद्योगिकी और कौशल के बीच घनिष्ठ संबंध को देखते हुए, मैं डिजिटल प्रौद्योगिकियों और सॉफ्ट स्किल्स के स्पेक्ट्रम में रोजगार योग्य कौशल के विकास में तेजी लाने के लिए उद्योग के साथ भी काम कर रहा हूं, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत दुनिया के लिए वैश्विक डिजिटल प्रतिभा केंद्र बन सकता है।’

वर्तमान में, मेरा मानना है कि वैश्विक ईआर एंड डी आउटसोर्सिंग बाजार का 32 प्रतिशत हिस्सा भारत में है। हमारे पास सभी चीजों की उपलब्धता और सरकार की उत्प्रेरक भूमिका के साथ पूरे आईटी उद्योग की तरह, मैं चाहता हूं कि ईआर एंड डी समुदाय में आप सभी यह लक्ष्य लेकर चलें कि अगले पांच वर्षों में वैश्विक बाजार हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से ज्यादा हो। सरकार की तरफ से हम आपको सफल बनाने के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे। ‘कर सकते हैं’ वाली भावना के साथ आगे बढ़ते रहें। आइए हम हर साल ईआर एंड डी की सफलता का जश्न मनाएं।

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एमजी/एएम/एएस/एसएस

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