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मनरेगा सामाजिक न्याय देने का प्रमुख आधार, 100 दिन का पूर्ण रोजगार देना हो प्राथमिकता- मुख्य सचिवजयपुर, 26 नवम्बर। मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के कार्यो की जमीनीं स्तर तक सतत् निगरानी करने के निर्देश दिए है।श्री आर्य शुक्रवार को यहां शासन सचिवालय में योजना की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्य सचिव ने कहा कि ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विकास विभाग के मनरेगा योजना से जुड़े सभी अधिकारी योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए जमीनीं स्तर पर कार्य करें और योजना अंतर्गत किए गए कार्यो का निरंतर निरिक्षण करना भी सुनिश्चित करें।उन्होंने कहा कि विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता मजदूरों को 100 दिन का पूरा रोजगार उपलब्ध करवाना होना चाहिए। जिन क्षेत्रों में 100 दिन के पूर्ण रोजगार देने की संख्या कम है, उन्हें चिन्हित कर वहां आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। इसके लिए जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के लिए भी लक्ष्य निर्धारित किए जाए।श्री आर्य ने कहा कि यह योजना ग्रामीण परिवारों का सशक्तिकरण करते हुए सामाजिक न्याय देने का एक प्रमुख माध्यम है। इसलिए विभाग द्वारा गा्रम पंचायत स्तर पर ऎसी व्यवस्था सुनिश्चित करने की आवश्यकता है जिसमें सभी वर्गो में मध्य समान रूप से कार्य विभाजन हो और गरीब परिवार रोजगार के अधिकार से वंचित ना रहें।इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमति अपर्णा अरोरा ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम योजना की प्रगति की बारें में मुख्य सचिव को अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि योजना के अंतर्गत मानव दिवसों के सृजन में राज्य द्वारा 2021-22 विगत वर्ष में राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।बैठक में ग्रामीण विकास विभाग शासन सचिव श्री कृष्ण कांत पाठक, ईजीएस आयुक्त श्री अभिषेक भगोतिया सहित अन्य अधिकारियों ने योजना के विषय में विस्तृृत चर्चा की। श्री पाठक ने बताया कि विभाग द्वारा एक नवाचार किया गया है जिसके तहत रोजगार आवेदन प्रपत्र में 100 दिन के पूर्ण रोजगार का विकल्प भी दिया जा रहा है। इससे 100 दिन पूर्ण रोजगाार देने में वृद्धि होगी और यह विकल्प पखवाडे़ के अतिरिक्त होगा। —-
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