ख्वाजा साहब की दरगाह के निकट बने गंगेश्वर महादेव मंदिर और उससे जुड़ी 329 वर्ग गज भूमि को बेचने की योजना

ख्वाजा साहब की दरगाह के निकट बने गंगेश्वर महादेव मंदिर और उससे जुड़ी 329 वर्ग गज भूमि को बेचने की योजना

अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह के निकट बने गंगेश्वर महादेव मंदिर और उससे जुड़ी 329 वर्ग गज भूमि को बेचने की योजना।
सिंधी समुदाय की सवाई साहेब मरी की गद्दी भी मौजूद है। शिवरात्रि के अवसर पर वार्षिकोत्सव भी होता है7 भूमि की कीमत पांच करोड़ रुपए बताई जा रही है।
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अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह के निकट त्रिपोलिया गेट के सामने बने 100 वर्ष पुराने गंगेश्वर महादेव मंदिर और उससे जुड़ी 329 वर्ग गज भूमि को बेचने की योजना बनाई जा रही है। इस भूमि पर सिंधी समुदाय से सवाई साहेब मरी की गद्दी व दरबार भी हे। यहां पर प्रतिवर्ष शिवरात्रि के अवसर पर देशभर से श्रद्धालु भी आते हैं। आगरा के आध्यात्मिक गुरु भाई किशनलाल जी गद्दी पर बैठते हैं। धार्मिक स्थल की भूमि को बेचने में कोई कानूनी अड़चन न आए, इसलिए पुराने ट्रस्ट का पुनर्गठन किया गया है। सवाई साहेब मरी ट्रस्ट का अध्यक्ष अजमेर के मशहूर सिंधी फर्नीचर के मालिक जय प्रकाश मुलानी को बनाया गया है। जबकि अहमदाबाद के कारोबारी महेन्द्र खरानी सचिव हैं। अध्यक्ष मुलानी ने बताया कि त्रिपोलिया गेट के आसपास मुस्लिम आबादी हो गई है, इसलिए मंदिर और दरबार की भूमि का पहले जैसा उपयोग नहीं हो रहा है। दरबार से जुड़े लोगों ने अब इस धार्मिक स्थल की भूमि को बेचने की योजना बनाई है, लेकिन अभी बेचान नहीं हुआ है। चूंकि मंदिर भी वर्षों से बंद पड़ा है, इसलिए मंदिर को फॉयसागर रोड पर स्थानांतरित किया जा सकता है। मुलानी ने कहा कि ट्रस्ट की ओर से कोई गैर कानूनी काम नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 9982784847 पर मुलानी से ली जा सकती है।
मंदिर का बेचान गैर कानूनी:
वहीं पार्षद कैलाश सोनी ने जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर करोड़ों रुपए की भूमि को खुर्दबुर्द करने का आरोप लगाया है। पत्र में कहा गया कि कुछ लोग अपने निजी स्वार्थों के खातिर धार्मिक स्थल की भूमि को बेच रहे हैं। इसमें कुछ जनप्रतिनिधियों की भूमिका भी संदिग्ध है। किसी धार्मिक स्थल को हटाने के नियम बने हुए हैं। कुछ अपनी मर्जी से किसी भी धार्मिक स्थल हटा नहीं सकते। पत्र में कहा गया कि करोड़ों रुपए मूल्य की धार्मिक सम्पत्ति की रक्षा की जाए। इससे लाखों की धार्मिक आस्था जुड़ी हुई है। सोनी ने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। बताया जा रहा है कि सोनी के पत्र पर जांच शुरू हो गई है।
कोई मुद्दा नहीं-तुलसी सोनी:
सिंधी समुदाय के बुजुर्ग नेता तुलसी सोनी ने कहा कि वे स्वयं सवाई साहेब के दरबार से जुड़े हुए हैं। गंगेश्वर महादेव मंदिर मात्र 25 वर्ग गज भूमि पर बना हुआ है। इस मंदिर से दरबार की 300 वर्ग गज भूमि से कोई संबंध नहीं है। अब मंदिर में कोई श्रद्धालु भी नहीं आता है। पूर्व में नया बाजार में चाय की दुकान चलाने वाले मोहनजी मंदिर में पूजा पाठ का काम करते थे, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद से ही मंदिर बंद पड़ा है। अब न तो दरबार की भूमि और न ही मंदिर सिंधी समुदाय के काम आ रहा है। सिंधी समुदाय के लोग चाहते हैं कि भूमि को बेचकर अन्यत्र जमीन खरीद ली जाए। पहले भी ऐसे मामले हुए हैं और कई समाजों के धार्मिक स्थलों की भूमि को बेचा गया है। कुछ लोग नहीं चाहते कि समाज में अच्छा काम हो।
भूमि का महत्व:
विश्व विख्यात ख्वाजा साहब की दरगाह के निकट गंगेश्वर महादेव मंदिर और सवाई साहेब की भूमि है। इसलिए भूमि का व्यावसायिक महत्व है। दरगाह के आसपास दरगाह के खादिमों ने ही बड़ी संख्या में होटल और गेस्ट हाउस बना रखे हैं। दरगाह के आसपास मुस्लिम आबादी होने के कारण पहले भी कई मंदिर और उससे जुड़ी भूमि धार्मिक स्थलों की इसी प्रकार ट्रस्ट बनाकर बेची गई है। अधिकतर मामलों में खरीददार दरगाह के खादिम ही हैं। भूमि का व्यावसायिक महत्व होने के कारण गंगेश्वर महादेव मंदिर की भूमि भी कोई पांच करोड़ रुपए की बताई जा रही है।

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