उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) प्रणाली ‘शक्ति’ को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशाला रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स अनुसंधान प्रयोगशाला (डीएलआरएल) हैदराबाद द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है, जो पारंपरिक और आधुनिक राडार की पहचान करने और उसे जाम करने के उद्देश्य से भारतीय नौसेना के प्रमुख युद्धपोतों के लिए निर्मित की गई है। शक्ति ईडब्ल्यू प्रणाली सामुद्रिक युद्ध में इलेक्ट्रॉनिक प्रभुत्व और सरवाइवल सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक रडार और जहाज-रोधी मिसाइलों के खिलाफ रक्षा की एक इलेक्ट्रॉनिक परत प्रदान करेगी। यह प्रणाली भारतीय नौसेना की पिछली पीढ़ी के इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) सिस्टम की जगह लेगी।
मिसाइल हमलों के खिलाफ भारतीय नौसेना के जहाजों की रक्षा के लिए इस प्रणाली को वाइडबैंड इलेक्ट्रॉनिक सपोर्ट मेजर्स (ईएसएम) और इलेक्ट्रॉनिक काउंटर मेजर (ईसीएम) के साथ एकीकृत किया गया है। सिस्टम का ईएसएम आधुनिक राडार की सटीक दिशा और अवरोध खोजने में मदद करता है। मिशन के बाद विश्लेषण के लिए सिस्टम में एक अंतर्निर्मित रडार फिंगरप्रिंटिंग और डेटा रिकॉर्डिंग रीप्ले सुविधा मौजूद है।
पहली शक्ति प्रणाली आईएनएस विशाखापत्तनम पर स्थापित की गई है और इसे स्वदेशी विमान वाहक, आईएनएस विक्रांत पर स्थापित किया जा रहा है। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) में बारह शक्ति सिस्टम्स का उत्पादन किया जा रहा है, जो कुल 1805 करोड़ रुपये की लागत से पचास से अधिक एमएसएमई द्वारा सपोर्ट किया जा रहा है। इन प्रणालियों को पी-15बी, पी-17ए और तलवार श्रेणी के फॉलो-ऑन जहाजों सहित उत्पादन के तहत ऑन-बोर्ड प्रमुख युद्धपोतों को स्थापित करने के लिए निर्धारित किया गया है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 19 नवंबर 2021 को झांसी में राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व के अंतर्गत आयोजित होने वाले एक समारोह में औपचारिक रूप से इस प्रणाली को भारतीय नौसेना को सौंपेंगे।
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने शक्ति ईडब्ल्यू प्रणाली के विकास के लिए डीआरडीओ, भारतीय नौसेना और उद्योग भागीदारों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह भारतीय नौसेना की क्षमताओं को बढ़ाएगा और उन्होंने इसे उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों में आत्मानिर्भर भारत की दिशा में एक प्रमुख मील का पत्थर करार दिया।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने शक्ति ईडब्ल्यू सिस्टम के विकास से जुड़ी टीमों को बधाई दी है और कहा है कि यह प्रणाली नौसेना की इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस क्षमता को और बढ़ाएगी।
**********
एमजी/एएम/एबी/डीवी
No comments yet. Be the first to comment!
Please Login to comment.
© G News Portal. All Rights Reserved.