रेलवे ने माना विद्युत लाइन का हुआ घटिया काम, दुबारा करने के निर्देश, बूंदी रेलखंड का मामला

रेलवे ने माना विद्युत लाइन का हुआ घटिया काम, दुबारा करने के निर्देश, बूंदी रेलखंड का मामला

रेलवे ने माना विद्युत लाइन का हुआ घटिया काम, दुबारा करने के निर्देश, बूंदी रेलखंड का मामला
कोटा। न्यूज़. आखिरकार रेलवे ने माना कि कोटा- चंदेरिया रेलखंड में ट्रेन संचालन के लिए डाली गई विद्युत लाइन (ओएचई) का घटिया काम हुआ है। रेलवे ने कुछ जगह इस काम को दोबारा करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए मुख्य परियोजना प्रबंधक (बिजली) ने गुरुवार को वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता (टीआरडी) को पत्र भी लिखा है। हालांकि मामले की जांच अभी जारी है।
पत्र में उन बिजली के 5 खंभों का विशेष तौर से जिक्र किया गया है जिनका काम घटिया हुआ है। पत्र में इन खंभों की संख्या संख्या भी दी गई है। पत्र में बताया गया है कि इन खंभों की फाउंडेशन (नींव) घटिया है। पत्र में इन खंभों की फाउंडेशन को दोबारा बनाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं सूत्रों ने बताया कि फाउंडेशन को खोदकर मामले की गहराई से जांच की जाए तो और भी खंभों में गड़बड़ी सामने आ सकती है।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि रेलवे ने कोटा-चंदेरिया के मध्य द्युतीकरण का कार्य करवाया था। करीब 152 किलोमीटर के इस क्षेत्र में बिजली के ढाई हजार खंबे लगाए गए हैं।
टीआरडी विभाग के एक कर्मचारी ने इस विद्युतीकरण कार्य को घटिया बताते हुए मामले की शिकायत प्रधानमंत्री से की थी।
कर्मचारी ने अपनी शिकायत में बताया था कि विद्युत तारों के लिए गाड़े गए कई खंभों की गुणवत्ता सही नहीं है। कई खंभों की नींव कमजोर है। कई खंभों के सीमेंट कंक्रीट में दरारे आ गई हैं। खंबों की गहराई कम है। इसके अलावा कर्मचारी ने एटीडी, टीआरडी बिल्डिंग और कॉपर वायर में भी कमी की भी शिकायत की थी। प्रधानमंत्री कार्यालय से यह शिकायत रेल मंत्रालय पहुंच गई। इसके बाद रेल मंत्रालय ने मामले की जांच के आदेश दिए गए थे। जांच के लिए केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन मुख्यालय प्रयागराज तथा कोटा आरपीएफ सहित तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। मामले को लेकर कोटा पोस्ट पर टीआरडी और अन्य विभागों के कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए थे।
मामला छुपाने की कोशिश
हालांकि जांच के दौरान दोषी अधिकारियों द्वारा मामले को छुपाने की पूरी कोशिश की गई थी। कई जगह मिट्टी डालकर फाउंडेशन को दबाने की कोशिश की गई थी। इसके अलावा मामला उजागर करने पर कर्मचारी को मारने पीटने की धमकी भी दी गई थी। इसकी शिकायत कर्मचारी ने मांडलगढ़ पुलिस थाने में भी दे रखी है। ऑल खुलने से बौखलाए अधिकारियों ने कर्मचारी को चार्ज शीट तक पकड़ा दी। शिकायत वापस लेने के लिए कर्मचारी पर अनावश्यक दबाव भी बनाया गया। साथ ही प्रलोभन दिया गया।
पहले शिकायत पर नहीं हुई कार्रवाई
इससे पहले कोटा मंडल रेल कार्यालय, पश्चिम-मध्य रेलवे जबलपुर मुख्यालय, उत्तर-पश्चिम रेलवे जयपुर तथा विजिलेंस तक को मामले की शिकायत की गई थी। लेकिन किसी ने भी मामले में कार्रवाई करना जरूरी नहीं समझा। प्रधानमंत्री तक मामला पहुंचने के बाद मामले में कार्रवाई शुरू हुई।
नई डली है लाइन
उल्लेखनीय है कि कोटा-चंदेरिया के बीच विद्युत लाइन नई डली है। पिछले कुछ महीनों से ही इस लाइन पर विद्युत इंजन से ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ है। इससे पहले इस रूट पर डीजल इंजन से ट्रेन है दौड़ाई जाती थीं।

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