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सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम की समीक्षा बैठक योजनान्तर्गत समस्त प्रगतिरत कार्यो को तय समय पर पूर्ण करें- मुख्य सचिव जयपुर, 26 नवंबर। मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने अधिकारियों को सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम योजना के तहत समस्त प्रगतिरत कार्यो को तय समय में पूर्ण करवाने के निर्देश दिए ताकि समस्त लम्बित पूर्णतया प्रमाण पत्रों को समय से जारी किया जा सकें। उन्होंने निर्देश दिए कि सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम ओएमएस सॉफ्टवेयर में समस्त डुप्लीकेट कार्य तत्काल डिलीट करवायें। जिससे समस्त विसंगतियां दुरस्त करवाई जा सकें। श्री आर्य शुक्रवार को सचिवालय में वीडियो कॉन्फे्रंस के माध्यम से सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने योजना से जुड़े चारों सीमान्त जिलों के कलेक्टर्स एवं विभिन्न विभागों के अधिकारियों को 31 दिसंबर तक कार्यो को पूर्ण करवाने के निर्देश दिये। बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती अपर्णा अरोरा ने बताया कि योजनान्तर्गत चारों सीमान्त जिला कलेक्टर एवं संबधित विभाग नियमित रूप से समीक्षा कर 31 दिसम्बर तक वर्ष 2019-20 तक के शत् प्रतिशत वांछित उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रेषित करावें। जिससे शीघ्र योजनान्तर्गत राशि केन्द्र सरकार से जारी करवाई जा सकें। ग्रामीण विकास विभाग के शासन सचिव डॉ. के. के. पाठक ने बताया कि सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन एवं नियमित ऑनलाईन मॉनिटरिंग हेतु सीमा प्रबंधन विभाग द्वारा एक सॉफ्टवेयर बीएडीपी ओमएमएस को विकसित किया गया है। इस सॉफ्टवेयर में योजनांतर्गत विगत दस वर्षो में करवाये गये कार्यों की प्रविष्टि का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। डॉ. पाठक ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 की वार्षिक कार्य योजनाओं एवं चार वर्षीय पर्सपैक्टिव कार्य योजना तैयार किये जाने का निर्देश दिया गया। उन्होंने बताया कि सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम ओएमएस के साथ इन्टीग्रेटेड मिशन अत्योदय सर्वे के डाटा को आधारभूत अवसंरचनाओं के गैप्स चिन्हित करने के आदेश प्रदान किये जा चुके हैं। साथ ही 15 दिवस में वार्षिक कार्य योजनाओं को ऑनलाईन करने के निर्देश दिये गये है। श्री पाठक ने बताया कि जिलों से बचत राशि के कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं जिन्हें केन्द्र सरकार को अनुमेादन हेतु भेजा गया है। उन्होंने बताया कि सीमान्त जिलों को निर्देशित किया गया हैं कि वर्ष 2019-20 तक के अनुमोदित कार्य तुरन्त स्वीकृत करें एवं वर्ष 2020-21 के कार्य केन्द्र सरकार के अनुमोदन के बाद स्वीकृत करें।बैठक में बाड़मेर, बीकानेर, जैसलमेर एवं श्रीगंगानगर के कलेक्टर्स सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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