Description
आरएसएमएमएल द्वारा निर्धारित दरों पर ही क्रेता को लिग्नाईट का विक्रयजयपुर, 9 अक्टूबर। प्रदेश में वर्तमान में कोयले की मांग एवं आपूर्ति में भारी अन्तर होने के कारण कीमतो में उछाल है। आरएसएमएमएल द्वारा लिग्नाईट बिक्री में पारदर्शिता एवं बाजार आधारित मूल्य निर्धारण के लिए वर्ष 2011 से ई-आक्शन प्रक्रिया से लिग्नाईट का विपणन किया जा रहा है । यह नीलामी प्रक्रिया भारत सरकार के उपक्रम मैसर्स एम.एस.टी.सी. द्वारा की जाती है । नीलामी मंक सभी रजिस्टर्ड क्रेताओं को सूचित कर समान अवसर दिया जाता है तथा प्रत्येक इच्छुक क्रेता द्वारा अपनी व्यावसायिक क्षमता व खपत के अनुसार लिग्नाईट की मात्रा और दर के लिये बिडिंग की जाती है। कम्पनी द्वारा अक्टूबर, 2020 में की गई नीलामी द्वारा आवटित क्रेताओं को नीलामी में प्राप्त दरों पर ही विक्रय करना आवश्यक है। आरएसएमएमएल द्वारा संचालित बाड़मेर जिले के गिराल एवं सोनरी क्षेत्र में दो लिग्नाईट खदानों में से प्रत्येक खदान की उत्पादन क्षमता 10 लाख मै.टन प्रति वर्ष है । इन खदानों का विकास विद्युुत उत्पादन निगम द्वारा स्थापित विद्युत संयंत्रों में ईधन आपूर्ति के लिए किया गया था। किन्तु इन ईकाईयों के संचालन में तकनीकी व्यवधान होने के कारण एवं लिग्नाईट की मॉग न होने के कारण, कम्पनी द्वारा उत्पादित लिग्नाईट की बिक्री, खुले बाजार में की जा रही है। विगत दस वषोर्ं में आरएसएमएमएल द्वारा गिरल एवं सोनडी से 3.5 लाख टन से 7 लाख टन माल का विपणन प्रति वर्र्ष ही किया जा सका है। इसका मुख्य कारण लिग्नाईट क्रेताआें की माँग नहीं होना है। इसके साथ ही यह भी उल्लेखनीय है कि इन खदानों से लिग्नाईट की माँग किसी विशेष समयावधि में ज्यादा रहती है तो शेष माह में विशेषकर जून, जुलाई, अगस्त, सितम्बर, अक्टूबर माह में अन्य माह की तुलना में कम रहती है। लिग्नाईट की मासिक खपत एवं मांग में अत्यधिक उतार-चढाव रहता हेै। जिसके कारण कम्पनी को अपने द्वारा उत्पादित माल की बिक्री में निरन्तरता बनाये रखने के लिए विपणन नीति में बदलाव के लिये प्रयास करने पड़ते हैं। इसी क्रम में विगत वर्षो में अनुभव के आधार पर, कम्पनी द्वारा विक्रय अवधि को मूल रूप से दो भागाें में विभक्त किया गया है। कम्पनी द्वारा जून से नवम्बर माह की समयावधि को लीन सीजन एवं दिसम्बर से मई माह की समयावधि को रीक सीजन मानते हुए विपणन नीति का निर्धारण किया जाता है। लिग्नाईट की बिक्री को लीन सीजन में बढ़ावा देने हेतु कम्पनी द्वारा आगामी दो वर्षो के लिए नई आक्शन नीति निर्धारित की गई, जिसका उद्देश्य व्यापारियों को लीन सीजन में अधिक से अधिक मात्रा में लिग्नाईट खरीदने हेतु प्रोत्साहित करना था ताकि लिग्नाईट बिक्री के वार्षिक लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके। नई नीति में माह अक्टूबर, 2020 से मई, 2022 तक कुल 20 माह की अवधि के लिए दीर्घकालीन योजना बनाई गई है। कम्पनी ने यह नीति लिग्नाइट की बिक्री को बढाने हेतु एवं मुख्यत लीन सीजन में व्यापारियों को आकर्षित करने हेतु बनायी गई है। यहॉ पर यह भी उल्लेख करना उचित होगा कि वर्ष 2020 एक ऎसा वर्ष था जिसमें कि न केवल कोरोना महामारी का अत्यधिक असर था परन्तु आयातित कोयले के भाव भी निम्न स्तर पर थे। यहॉ पर यह भी उल्लेख करना उचित होगा कि कम्पनी की खदानों से निकलने वाला लिग्नाइट मुख्यतः उन उद्योगों में ही काम में लिया जाता है जिनके बायलर की डिजाइन लिग्नाइट का इस्तेमाल करने में उपयुक्त हो । कम्पनी का लिग्नाइट बडे कोयला आधारित पावर संयत्रों में इस्तेमाल तकनीकी कारणों से नही किया जा सकता है। बाडमेर में कपूरडी एवं जालीपा खदानों पर आधारित राजवेस्ट के पावर प्लान्टों में नियमित रूप से लिग्नाइट की आपूर्ति की जा रही है। इसका क्षमता के अनुसार बिजली का उत्पादन सुचारू रूप से किया जा रहा हैै। उल्लेखनीय है कि राजवेस्ट के बायलर लिग्नाइट ईधन के अनुसार डिजाईन किये हुए हैं। ——
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