SC ने HC व राज्यों से मांगा जवाब- रद्द हो चुके 66A के तहत कैसे दर्ज हो रहे केस?
सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया पर कमेंट करने पर मुकदमा दर्ज करने का मामले में सभी हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. कोर्ट ने इस मामले में जवाब के लिए 4 हफ्तों का वक्त दिया है. एक जनहित याचिका में कहा गया है कि ऐसे कई मामले आ रहे हैं जिसमें लोग अगर सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हैं तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया जा रहा. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ही सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने को अपराध की श्रेणी से हटा दिया था. कोर्ट ने कहा था कि लोगों को अपनी बात सोशल मीडिया पर कहने का अधिकार है. ये अपराध नहीं हो सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने IPC के सेक्शन 66A को गैर संवैधानिक करार देते हुए साल 2015 में रद्द कर दिया था. केंद्र सरकार ने इस मामले में जवाब देते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को एडवाइजरी भेजी थी. इसके बावजूद अगर मुकदमा दर्ज हो रहा है तो इसके लिए राज्य सरकार और वहां की पुलिस जिम्मेदार है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा.
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