SC जजों की सुरक्षा पर सख्त! चेतावनी के साथ केंद्र-राज्यों से मांगा जवाब
जजों की सुरक्षा के मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त हो गया है. आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से सवाल किए. इसके साथ ही राज्य सरकारों से जजों की सुरक्षा को लेकर 10 दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर राज्य सरकारें रिपोर्ट देने में देरी करती हैं, तो उन पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
दरअसल, धनबाद में एडीजे उत्तम आनंद की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की थी. आज सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एनवी रमणा ने जजों की सुरक्षा को लेकर केंद्र से सवाल किया. इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, पुलिस व्यवस्था राज्यों का विषय है. 2007 में गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जजों की सुरक्षा के लिए एक गाइडलाइन जारी की थी. इसमें DGP को कहा गया था कि जजों की सुरक्षा के लिए स्पेशल ब्रांच की पुलिस और इंटेलिजेंस यूनिट के जवान होने चाहिए.
एसजी तुषार मेहता ने ये भी बताया कि 2007 की ही गाइडलाइंस को मार्च 2020 में भी दोहराया गया था, इसलिए अब नई गाइडलाइंस बनाने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने ये भी बताया कि 11 सितंबर 2020 को केंद्र की ओर से इस मामले में हलफनामा दाखिल किया गया था. अब राज्यों को इस पर रिपोर्ट देनी थी.
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