SC का बयान- सरकारी आवास सेवारत के लिए न क़ि परोपकार के लिए
उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि सरकारी आवास सेवारत अधिकारियों के लिए है न कि परोपकारऔर उदारता के रूप में सेवानिवृत्त लोगों के लिए. शीर्ष अदालत ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की जिसमें एक सेवानिवृत्त लोक सेवक को इस तरह के परिसर को बनाये रखने की अनुमति दी गई थी.
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि आश्रय के अधिकार का मतलब सरकारी आवास का अधिकार नहीं है. न्यायालय ने कहा कि एक सेवानिवृत्त लोक सेवक को अनिश्चितकाल के लिए ऐसे परिसर को बनाए रखने की अनुमति देने का निर्देश बिना किसी नीति के राज्य की उदारता का वितरण है.
केंद्र की अपील को मंजूर करते हुए, न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने उच्च न्यायालय का आदेश रद्द कर दिया और एक कश्मीरी प्रवासी सेवानिवृत्त खुफिया ब्यूरो अधिकारी को 31 अक्टूबर, 2021 को या उससे पहले परिसर का खाली भौतिक कब्जा सौंपने का निर्देश दिया.
No comments yet. Be the first to comment!
Please Login to comment.
© G News Portal. All Rights Reserved.