श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने भुवनेश्वर – जयपुर के बीच पहली सीधी उड़ान का उद्घाटन किया

श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने भुवनेश्वर – जयपुर के बीच पहली सीधी उड़ान का उद्घाटन किया

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज भुवनेश्वर (उड़ीसा) – जयपुर (राजस्थान) के बीच इंडिगो एयरलाइंस की पहली सीधी उड़ान को झंडी दिखाकर रवाना किया। श्री धर्मेंद्र प्रधान, शिक्षा एवं कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री; श्री वैष्णव अश्विनी, केंद्रीय रेल और संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री; श्री पद्मनाभ बेहरा, कैबिनेट मंत्री योजना एवं अभिसरण, वाणिज्य और परिवहन, ओडिशा सरकार; श्री अशोक चंद्र पांडा, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सार्वजनिक उद्यम, सामाजिक सुरक्षा और दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारिता भी वर्चुअल तरीके से इस कार्यक्रम में शरीक हुए। इस अवसर पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय, राज्य सरकारों, इंडिगो एयरलाइंस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।

इस अवसर पर श्री सिंधिया ने कहा कि भुवनेश्वर मंदिरों का शहर है। उन्होंने बताया कि यह हिंदू, बौद्ध और जैन समुदायों का धार्मिक केंद्र है। एक धार्मिक केंद्र होने के अलावा, इस शहर का नाम देश के स्मार्ट शहरों की सूची में है। भुवनेश्वर देश के प्रमुख आईटी और शिक्षा केंद्रों में से एक है। श्री सिंधिया ने बताया कि फिलहाल भुवनेश्वर 38 विमानों की आवाजाही के जरिए 19 शहरों से जुड़ा हुआ है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि विमानन में निवेश हमेशा गुणक प्रभाव लाता है। उन्होंने कहा कि निवेश किया गया प्रत्येक 100 रुपया देश की जीडीपी में 325 रुपये जोड़ता है। यह विमान को रोजगार का प्रवेश द्वार बनाते हुए रोजगार के अपार अवसर लाता है। मंत्री ने आश्वासन दिया कि 200 करोड़ रुपये की लागत से नए टर्मिनल भवनों का निर्माण तय समय में पूरा हो जाएगा।

श्री सिंधिया ने यह भी कहा कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने उल्लेख किया है कि भारत का लक्ष्य 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करना है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य अपने सभी हवाई अड्डों को हरित हवाई अड्डे बनाने के लिए दीर्घकालिक ऊर्जा संसाधनों का इस्तेमाल करना है। उन्होंने कहा “मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि भुवनेश्वर हवाई अड्डा 80% सौर ऊर्जा से संचालित है, जो इस देश के लिए एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इसके अलावा, झारसुगुडा जैसे उड़ान हवाई अड्डे अपने आप में एक सफलता हैं। हवाई अड्डे का उपयोग एक महीने में 1 लाख से अधिक यात्री करते हैं।”

इस मार्ग पर नई उड़ानों के साथ, भुवनेश्वर और उसके आस-पास के क्षेत्रों के लोगों को भुवनेश्वर और जयपुर के बीच सीधी हवाई कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे यात्रियों को निर्बाध आवाजाही की सुविधा होगी। भुवनेश्वर से जयपुर के बीच इन नई उड़ानों के साथ, पर्यटकों/यात्रियों को हवाई यात्रा के लिए कई विकल्प मिलेंगे जिससे पर्यटन क्षमता में बढ़ोतरी होगी और क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।

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एमजी/एएम/एके/एसएस

 

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