अजमेर से 6 महिला तहसीलदारों को हटाया, इनमें से पांच की नियुक्ति मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में।

अजमेर से 6 महिला तहसीलदारों को हटाया, इनमें से पांच की नियुक्ति मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में।

अजमेर से 6 महिला तहसीलदारों को हटाया, इनमें से पांच की नियुक्ति मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में।
दो तहसीलदारों के तो दो माह व 6 माह के शिशु। जोधपुर में होने हैं पंचायती राज के चुनाव। अजमेर के पद रिक्त
भाजपा ने वासुदेव देवनानी को बनाया है जोधपुर का चुनाव प्रभारी। अजमेर के संपत सांखला लोहावट व राजावत बापिणी पंचायत समिति के प्रभारी।
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गत 5 अगस्त को राजस्व मंडल ने जिन 46 तहसीलदारों के तबादले किए हैं उनमें से 6 महिला तहसीलदार अजमेर की हैं। इन छह महिला तहसीलदारों में से 5 की नियुक्ति मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में की है। चूंकि जोधपुर में पंचायती राज के चुनाव होने हैं इसलिए सरकार चलाने वाले अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के गृह जिले की सभी तहसीलों में तहसीलदार नियुक्त किए हैं, लेकिन अजमेर में हटाए गए स्थानों में नए तहसीलदारों की नियुक्ति नहीं की गई है। मुख्यमंत्री के गृह जिले में तहसीलदार लगाने की चपेट में अजमेर शहर की तहसीलदार श्रीमती प्रीति चौहान भी आ गई हैं। श्रीमती चौहान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शक्ति प्रताप सिंह की पत्नी है। श्रीमती चौहान को जोधपुर में बालेसर तहसील का तहसीलदार बनाया गया है। इसी प्रकार एससी वर्ग की सहायक भू प्रबंध अधिकारी श्रीमती मनीषा बैरवाल को लोहावट, इसी विभाग में कार्यरत आदित्या को तिवरी, आरआरटीआई में कार्यरत श्रीमती सुमन राठौड़ और रानी गिदवानी को क्रमश: शेरगढ़ व डेचू का तहसीलदार बनाया गया है। जोधपुर की तहसीलों में नियुक्त दो महिला तहसीलदारों के तो दो व 6 माह के शिशु हैं। भू प्रबंधन कार्यालय और राजस्व प्रशिक्षण केन्द्र में महिला तहसीलदारों ने नियुक्ति इसीलिए ली थी ताकि फील्ड में काम नहीं करना पड़े। दो महिला तहसीलदारों के पति तो राजस्व मंडल में ही कार्यरत है, लेकिन फिर भी अपनी पत्नियों को जोधपुर जाने से नहीं बचा सके। सिवन्या गुप्ता उन भाग्यशाली तहसीलदारों में से हैं जो जोधपुर जाने से बच गई हैं। सिवन्या को अजमेर की सावर तहसील से हटाया तो गया है, लेकिन उदयपुर की बडग़ांव तहसील में नियुक्ति दी है। आमतौर पर तहसीलदार को एक स्थान पर तीन वर्ष रखा जाता है, लेकिन जोधपुर में पद भरने के कारण इस परंपरा की भी अनदेखी की गई है। बताया तो शीला चौधरी को भी है, लेकिन उन्हें राजस्व मंडल से हटा कर अजमेर में ही बिजयनगर तहसील का तहसीलदार बनाया गया है। चूंकि महिला तहसीलदारों की नियुक्ति जोधपुर जिले में हो चुकी है, इसलिए अब तबादला निरस्त करवाने की भी कोई गुंजाइश नहीं है। दो और 6 माह के शिशु को लेकर जोधपुर में तहसीलों में काम करना ही पड़ेगा। अब तबादला तभी रुक सकता है, जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सहमति हो। सीएम गहलोत तक पहुंचना आसान नहीं है। हालांकि कुछ महिला तहसीलदारों ने राजस्व मंत्री हरीश चौधरी के समक्ष अपनी परेशानी को रखा है, लेकिन चौधरी भी फिलहाल मददगार साबित नहीं हो रहे हैं। कुछ महिला तहसीलदारों ने अजमेर जिले के ताकतवर मंत्री रघु शर्मा से भी संवाद किया है। रघु को बताया गया है कि आपके गृह जिले से 6 तहसीलदारों को हटाया गया है, लेकिन रिक्त पदों पर एक भी नियुक्ति नहीं दी गई है।
देवनानी को बनाया जोधपुर का प्रभारी:
पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ विधायक वासुदेव देवनानी को भाजपा ने पंचायती राज चुनाव में जोधपुर का प्रभारी नियुक्त किया है। देवनानी ने बताया कि जोधपुर जिले में 21 पंचायत समितियां हैं तथा जिला परिषद के 37 वार्ड हैं। जिस प्रकार गत लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत हुई थी, उसी प्रकार पंचायती राज के चुनाव में भी भाजपा उम्मीदवारों को जीत मिलेगी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के निर्देश पर अजमेर के भाजपा नेता आनंद राजावत को बापिणी तथा संपत सांखला को लोहावट पंचायत समिति का प्रभारी नियुक्त किया गया है।
अजमेर से 6 महिला तहसीलदारों को हटाया इनमें से पांच की नियुक्ति मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में।

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