धरी रह गई एसओजी की जांच। रीट का परिणाम घोषित।

धरी रह गई एसओजी की जांच। रीट का परिणाम घोषित।

धरी रह गई एसओजी की जांच। रीट का परिणाम घोषित।
बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारोली ने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को अजमेर आने का मौका भी नहीं दिया। सीधे सीएम अशोक गहलोत से अनुमति लेकर स्वयं ने ही परिणाम घोषित कर दिया।
अब 31 हजार युवाओं को मिल सकेगी शिक्षक की नौकरी।
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2 नवंबर को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) का परिणाम घोषित कर दिया। रीट की परीक्षा गत 27 सितंबर को हुई थी। परीक्षा होने से पहले ही प्रश्न पत्र मोबाइल पर वायरल हो गए। प्रश्न पत्र आउट करने के कारण स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने अनेक लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें सरकारी अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल रहे। अभी एसओजी की जांच चल रही थी कि रीट परीक्षा करवाने वाली एजेंसी शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा के 38वें दिन ही परिणाम घोषित कर दिया। इससे अब एसओजी की जांच धरी रह गई है। शिक्षा बोर्ड को परिणाम निकालने की कितनी हड़बड़ी थी, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बोर्ड ने दो नवंबर को सुबह पांच बजे मीडिया कर्मियों को वाट्सएप पर सूचना दी कि प्रात: 8 बजे रीट का परिणाम घोषित किया जाएगा। रीट का परिणाम हर बार प्रदेश के शिक्षा मंत्री ही घोषित करते हैं, लेकिन दो नवंबर को बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारोली ने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को अजमेर आने तक का मौका नहीं दिया। असल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी चाहते थे कि परिणाम तैयार होते ही घोषित कर दिया जाए। यही वजह रही कि एक नवंबर की रात को जब परिणाम तैयार हो गया तो सुबह 8 बजे घोषित कर दिया गया। परिणाम घोषित करने का फैसला भी सुबह पांच बजे लिया गया। इतनी बड़ी परीक्षा का परिणाम बोर्ड अध्यक्ष द्वारा घोषित किए जाने से जाहिर है कि सरकार बहुत हड़बड़ी में हैं। बोर्ड अध्यक्ष जारोली की इस चालाकी को शिक्षा मंत्री डोटासरा किस नजरिए से देखते हैं यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा, लेकिन रीट के परिणाम को लेकर बोर्ड अध्यक्ष के तार सीधे मुख्यमंत्री गहलोत से जुड़े हैं। परिणाम की घोषणा होने के साथ ही राज्य सरकार ने भी राहत की सांस ली है। सरकार को डर था कि प्रश्न पत्र आउट होने की खबरों के मद्देनजर कोर्ट से परिणाम पर कहीं रोक न लग जाए। यह मामला अब हाईकोर्ट में चल रहा है। परीक्षा के बाद बोर्ड अध्यक्ष जारोली ने कहा था कि डेढ़ माह में यानी 45 दिन में परिणाम घोषित किया जाएगा, लेकिन बोर्ड ने मात्र 38 दिन में ही परिणाम घोषित कर दिया। परीक्षार्थियों की ओएमआर शीट सुपर कम्प्यूटर पर जांची गई, इसलिए परिणाम फटाफट तैयार हो गया। बोर्ड ने रीट परीक्षा के आवेदन से लेकर परिणाम तैयार करने तक का काम एक कम्प्यूटर फर्म को ठेके पर दिया है। परिणाम घोषणा के साथ ही अब प्रदेश में 31 हजार युवाओं को शिक्षक की नौकरी मिलने का रास्ता साफ हो गया है। जिन परीक्षार्थियों को 60 प्रतिशत से अधिक अंक मिले हैं, उन्हें ही परीक्षा में उत्तीर्ण माना गया है। बोर्ड ने जो परिणाम घोषित किया है, अब इसी के आधार पर प्राप्तांकों के अनुरूप लेवल प्रथम और द्वितीय के लिए चयन होगा।
यह है परिणाम:
रीट लेवल प्रथम में बीकानेर के सुरेश पारीक ने प्रथम स्थान, श्रीगंगानगर के तीरथ सिंह ने द्वितीय स्थान तथा जालौर के नैनाराम ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार द्वितीय लेवल में राजसमंद के कमलेश वैष्णव ने प्रथम, कोटा के केशवकांत शर्मा ने द्वितीय, बीकानेर के भंवरलाल पारीक ने तृतीय, भरतपुर के विजय सिंह ने चतुर्थ, भीलवाड़ा के रमेश चंद सोनी ने पांचवां स्थान प्राप्त किया है। रीट प्रथम लेवल के 10 लाख 19 हजार 764 परीक्षार्थियों में से 3 लाख 30 हजार 604 परीक्षार्थियों का परिणाम घोषित किया गया। आरक्षित वर्ग के आवेदकों में से 1 लाख 3 हजार 74 परीक्षार्थियों ने 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए।

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