भरतपुर स्टेशन का एक साल से नहीं हुआ सफाई का टेंडर, गंदगी देख भड़के थे डीआरएम

भरतपुर स्टेशन का एक साल से नहीं हुआ सफाई का टेंडर, गंदगी देख भड़के थे डीआरएम

भरतपुर स्टेशन का एक साल से नहीं हुआ सफाई का टेंडर, गंदगी देख भड़के थे डीआरएम
कोटा। न्यूज. भरतपुर रेलवे स्टेशन का सफाई का टेंडर पिछले एक साल से नहीं हुआ है। यहां पिछला टेंडर गत वर्ष अक्टूबर में समाप्त हो गया था। इसके बाद भी अधिकारियों ने यहां नया टेंडर करना जरूरी नहीं समझा। टेंडर के समय भरतपुर में करीब 30 ठेका सफाई कर्मचारी काम करते थे। अभी यहां पर 7-8 सफाई कर्मचारी ही काम करते हैं। यही कारण है कि भरतपुर स्टेशन पर सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है।
डीआरएम ने जताई थी नाराजगी
उल्लेखनीय है कि सोमवार को निरीक्षण के दौरान जगह-जगह गंदगी नजर आने पर मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) पंकज शर्मा भड़क गए थे। गंदगी के लिए दोषी मानते हुए शर्मा ने स्टेशन अधीक्षक और स्वास्थ्य निरीक्षक को जमकर फटकार भी लगाई थी। जबकि स्टेशन पर गंदगी के लिए मुख्य रूप से रेल प्रशासन और वाणिज्य विभाग दोषी है। सफाई का ठेका वाणिज्य विभाग द्वारा ही किया जाता है। प्रशासन द्वारा काम की निगरानी की जाती है। वाणिज्य विभाग ने भरतपुर में एक साल बाद भी किसी को सफाई का ठेका नहीं दिया। जबकि नया ठेका पुराना टेंडर समाप्त होने से पहले ही फाइनल हो जाना चाहिए था।
30 की जगह 7 कर्मचारी कर रहे काम
पुराना टेंडर खत्म होने और नया ठेका नहीं होने के कारण सफाई का काम स्टेशन अधीक्षक द्वारा इंप्रेस के पैसों से कराया जा रहा है। इंप्रेस के पैसे कम होने के कारण स्टेशन अधीक्षक द्वारा यहां पर 7-8 सफाई कर्मचारी ही लगाए जाते हैं। समय पर पैसे नहीं मिलने के कारण यह कर्मचारी भी कई बार हड़ताल पर जा चुके हैं। कर्मचारी कम होने के कारण स्टेशन की सफाई ठीक तरीके से नहीं हो पाती। गंदगी से परेशान कई यात्री इसकी शिकायत कोटा रेल मंडल अधिकारियों को कर चुके हैं। इसके अलावा यह मामला कई बार अखबारों की सुर्खियां भी बन चुका है। लेकिन इसके बाद भी अधिकारियों ने यहां पर सफाई का ठेका करना जरूरी
बड़ी संख्या में आते हैं विदेशी पर्यटक
यह हाल तो तब है जब भरतपुर एक टूरिज्म पॉइंट है। यहां में बड़ी संख्या में देसी-विदेशी पर्यटक घना पक्षी विहार देखने आते हैं।
स्टेशन पर गंदगी और बदबू से यात्री और पर्यटक परेशान होते रहते हैं। इससे रेलवे की छवि भी धूमिल हो रही है।
यात्रियों ने बताया कि एक पर्यटक स्टेशन का यह हाल है तो कोटा मंडल के अन्य स्टेशनों का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।

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