सवाल यह है कि सलमान खुर्शीद ने किस मानसिकता से हिंदुस्तान के विदेश मंत्री की भूमिका निभाई?

सवाल यह है कि सलमान खुर्शीद ने किस मानसिकता से हिंदुस्तान के विदेश मंत्री की भूमिका निभाई?

सवाल यह है कि सलमान खुर्शीद ने किस मानसिकता से हिंदुस्तान के विदेश मंत्री की भूमिका निभाई?
क्या ऐसी मानसिकता वाले व्यक्ति को राजनीति में रहने का अधिकार है? श्रीमती सोनिया गांधी को इस मानसिकता पर कांग्रेस की स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
अभिनेत्री कंगना का बयान भी उचित नहीं।
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील सलमान खुर्शीद की पुस्तक सनराइज ओवर अयोध्या: नेशनहुड इन आवर टाइम्स का विमोचन 11 नवंबर को हुआ। इस पुस्तक में सलमान खुर्शीद ने हिन्दुत्व की तुलना आतंकी संगठन आईएसआईएस और बोको हरम से की है। इस तुलना को लेकर अब देश में बहस छिड़ी हुई है। लेकिन सवाल उठता है कि आखिर सलमान खुर्शीद ने किस मानसिकता से हिंदुस्तान के विदेश मंत्री की भूमिका निभाई? खुर्शीद कांग्रेस की सरकार में कई बार मंत्री रहे। 1993 से 1997 तक खुर्शीद विदेश मंत्री भी रहे। विदेश मंत्री के तौर पर खुर्शीद ने अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व भी किया। जो सलमान खुर्शीद हिन्दुत्व को आतंकी संगठन जैसा मानते हैं, उनकी सोच कैसी रही होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। क्या इस सोच के चलते खुर्शीद विदेश मंत्री के से न्याय कर पाए होंगे? भारत की पहचान तो हिंदुत्व से ही है। हिन्दुत्व का मतलब सनातन संस्कृति को मानने वाला। सनातन संस्कृति में तो हिंसा की कोई गुंजाइश ही नहीं है। सलमान ने जिस अयोध्या की घटना को सामने रख कर पुस्तक लिखी, उस अयोध्या के राजा राम ने तो पिता की इच्छा पूरी करने के लिए 14 वर्ष तक वनवास काटा। खुर्शीद को एक बार रामायण का अध्ययन करना चाहिए। भगवान राम ने कभी मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया। अच्छा होता कि खुर्शीद कश्मीर के ताजा हालातों पर पुस्तक लिखते। जिस हिन्दुत्व की तुलना आतंकी विचारधारा से की जा रही है उसी हिन्दुत्व को मानने वाले लोगों की कश्मीर में हत्याएं हो रही हैं। खुर्शीद बताएं कि कश्मीर में हिंदुओं को क्यों मारा जा रहा है? कौन सी विचारधारा के लोग हैं जो हिन्दुओं को मार रहे हैं? क्या ऐसी विचारधारा की निंदा करने की हिम्मत सलमान खुर्शीद में है? खुर्शीद भी जानते हैं कि कश्मीर में गोलियां खाने के बाद भी लोग जवाबी कार्यवाही नहीं करेंगे। यदि हिन्दुत्व को मानने वाले लोग आईएसआईएस और बोको हरम जैसी विचारधारा के होते तो कश्मीर में किसी हिन्दू की हत्या नहीं हो पाती। हिन्दुत्व को मानने वाले लोगों के वोट से केंद्रीय मंत्री का सुख भोगने वाले खुर्शीद आज यदि हिन्दुत्व की तुलना आतंकी संगठनों से कर रहे हैं तो यह बहुत ही अफसोसनाक बात है। सलमान खुर्शीद जिस उत्तर प्रदेश से आते हैं उस प्रदेश में आज सनातन संस्कृति को मानने और संरक्षण देने वाले योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं। योगी आदित्यनाथ हिन्दुत्व के प्रबल समर्थक है। खुर्शीद बताएं कि योगी के पिछले साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में किस मुसलमान के साथ भेदभाव हुआ? क्या गैर हिन्दू होने के नाते किसी को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से वंचित किया गया? जहां तक आपराधिक तत्वों के खिलाफ कार्यवाही का सवाल है तो सभी समुदायों के लोगों के खिलाफ की गई है। इस सख्ती की वजह से ही गुंडा तत्व दहशत में है। चूंकि सलमान खुर्शीद कांग्रेस के जिम्मेदार नेता है, इसलिए अब कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। क्या कांग्रेस खुर्शीद की सोच का समर्थन करती है? यदि नहीं करती है तो सोनिया गांधी को बयान जारी कर कांग्रेस की राय बतानी चाहिए। यदि सोनिया गांधी बयान नहीं देती हैं तो यह माना जाएगा कि कांग्रेस पार्टी भी खुर्शीद की सोच का समर्थन करती है।
कंगना का बयान भी उचित नहीं:
1947 में आजादी भीख में मिली, अभिनेत्री कंगना का यह बयान भी उचित नहीं है। कंगना को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए। आजादी भीख में नहीं बल्कि हजारों कुर्बानियों के बाद मिली है। विभाजन को लेकर मतभेद हो सकते हैं, लेकिन आजादी का अपमान नहीं किया जा सकता।

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