किसानों का चक्का जाम रहा सफल, राकेश टिकैत ने कहा- कानून रद्द करवाकर जाएंगे, बताया आगे की रणनीति
नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठन 73 दिनों से दिल्ली की सीमा पर लगातार प्रदर्शन कर रहे है. आज चक्काजाम का असर देश भर में देखने को मिला. पंजाब-हरियाणा, राजस्थान ही नहीं तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना में भी किसानों और उनका समर्थन कर रहे संगठनों ने राजमार्ग जाम कर यह दिखाया कि किसान आंदोलन सिर्फ 1-2 राज्यों तक सीमित नहीं है. किसानों का यह विरोध प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा. अब चक्का जाम खत्म होने के बाद भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का बयान आया है. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को फिर बदनाम करने की कोशिश थी. राकेश टिकैत ने कहा, इस आंदोलन को एक बार फिर बदनाम करने का प्रयास था. हमारे पास अराजकता के इनपुट आए थे. योजना थी कि तिरंगा के साथ किसानों के भेष में और किसानों की गाड़ी लेकर तोड़फोड़ तथा हिंसा फैलाई जाए. वेशभूषा और बोली बदल कर शान्ति भंग करने वालों को पुलिस को सौंपा जाएगा. FIR दर्ज की जाएगी.
उन्होंने कहा, जिसके पास आधार कार्ड नहीं है, जिसकी पहचान के 5 गारंटर्स नहीं हैं, उसे बिना सोचे समझे आन्दोलन की जमीन छोड़ देनी चाहिए. राकेश टिकैत ने कहा, दिल्ली की कील काट कर जाएंगे. जिस मिट्टी पर कल रोपण किया गया, उसपर भी कब्जा कर लिया. जिस जमीन पर जवान का कब्जा होगा, वो जमीन सुरक्षित होती है. राकेश तिकैत ने कहा, ट्रैक्टर लेकर बॉर्डर आने वाले किसानों के घर नोटिस भेजे जा रहे हैं अगला लक्ष्य 40 लाख ट्रैक्टर के साथ देश भर में ट्रैक्टर क्रांति होगी. कानून की वापसी पर ही घर वापसी होगी. 2 अक्तूबर तक का लक्ष्य है. शिफ्ट के मुताबिक, आप आन्दोलन स्थल पर आते रहें. न मन्च बदलेंगे, न पंच बदलेंगे. वो कील बोएंगे, हम अनाज बोएंगे.
उन्होंने कहा, हम ही जवान और हम ही किसान…यही नारा है इस आन्दोलन का. MSP पर क़ानून के बिना कुछ मंज़ूर नहीं है. शहीद स्मारक बनेंगे, अंदोलन के फैसले पंच करेंगे, फसलों के फैसले किसान करेंगे.
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