केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द को संसदीय राजभाषा समिति के प्रतिवेदन का दसवां खंड प्रस्तुत किया। इस अवसर पर गृह राज्य मंत्री श्री अजय कुमार मिश्रा और संसदीय राजभाषा समिति के उपाध्यक्ष श्री भर्तृहरि मेहताब भी उपस्थित थे।
श्री अमित शाह ने आदरणीय राष्ट्रपति जी के साथ स्थानीय भाषाओं व राजभाषा हिंदी के महत्तम उपयोग के विषय पर सार्थक चर्चा भी की। साथ ही केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री ने महामहिम राष्ट्रपति जी को भारत सरकार में हिंदी की वर्तमान स्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आम जनता के सरोकार से जुड़े केंद्र सरकार के 6 मंत्रालयों में हिंदी का प्रयोग बहुत अधिक उत्साह वर्धक है। इनमें गृह, कृषि, रक्षा, ग्रामीण विकास और रेल मंत्रालय शामिल हैं।
महामहिम राष्ट्रपति जी ने हिंदी के प्रसार पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अहिंदी भाषी राज्यों में जो लोग हिंदी को लेकर अच्छा काम व प्रचार प्रसार कर रहे हैं उन्हें प्रोत्साहित किए जाने की आवश्यकता है।
संसदीय राजभाषा समिति द्वारा तैयार किए गए प्रतिवेदन के दसवें खंड में उन सिफारिशों पर भी टिप्पणियां की गई हैं जो पिछले नौ खंडों में अस्वीकृत हो गईं थीं। मुख्य सिफ़ारिशों में हिंदी से संबंधित संस्थाओं को मजबूत करना] भर्ती परीक्षाओं में हिंदी और अंग्रेजी में से किसी एक भाषा चुनने का विकल्प अनिवार्य करना तथा उच्चतम न्यायालय तक हिंदी को पहुंचाना इत्यादि शामिल हैं।
बैठक में पहली उप समिति के संयोजक श्री रामचंद्र जांगड़ा] सहसंयोजक श्रीरंग अप्पा बारणे] दूसरी उपसमिति की संयोजिका श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी] सह संयोजक श्री प्रदीप टम्टा] तीसरी उप समिति के संयोजक श्री चिराग पासवान एवं सह संयोजक डॉ मनोज राजोरिया भी शामिल हुए।
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एनडब्ल्यू/आरके/एवाई/आरआर
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