केदारनाथ निर्माण कार्यो में ब्लास्टिंग का प्रयोग, थर्राया पूरा धाम, तीर्थ पुरोहितों का विरोध
केदारनाथ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत चल रहे द्वितीय चरण के निर्माण कार्यो का तीर्थ पुरोहितों ने विरोध जताया है. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि निर्माण कार्य में ब्लास्टिंग का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे धाम में वर्ष 2013 की प्रलयकारी आपदा की यादें ताजा हो रही हैं. इसके अलावा जो कार्य आपदा के बाद किये गये, उन निर्माण कार्यो को भी तोड़ा जा रहा है, जो सरासर गलत है.
केदारनाथ धाम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत निर्माण कार्य किये जा रहे हैं. इन दिनों धाम में द्वितीय चरण के निर्माण कार्य चल रहे हैं. धाम में मजदूर, कर्मचारी एवं तीर्थ पुरोहितों के अलावा कोई अन्य मौजूद नहीं है. सरकार की ओर से यात्रा पर रोक लगाई है, जिसका फायदा निर्माण एजेंसियां उठा रही हैं. निर्माण एजेंसी, कार्य में ब्लास्टिंग का प्रयोग कर रही है, जिससे तीर्थ पुरोहितों को वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा की याद आने लगी हैं. ऐसे में निर्माण कार्यो में विस्फोटों का प्रयोग होने से तीर्थ पुरोहितों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है.
केदारसभा के अध्यक्ष और वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित विनोद शुक्ला ने कहा कि केदारघाटी में आपदा के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंदाकिनी नदी के किनारे 28 करोड़ की लागत से एक घाट का निर्माण करवाया था, जिसमें चेंजिंग रूम सहित अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई थीं. लेकिन अब उस घाट को पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के नाम पर अधिकारियों द्वारा तोड़ दिया गया है.
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