भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत मत्स्य पालन विभाग और राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड मिलकर 21 नवंबर 2021 को ओडिशा में भुवनेश्वर के मंचेश्वर में स्थित रेल सभागार में ‘विश्व मत्स्य दिवस’ मना रहे हैं। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला, मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री डॉ एल मुरुगन, मत्स्य पालन विभाग में सचिव श्री जतिंद्र नाथ स्वैन, एनएफडीबी के मुख्य कार्यकारी डॉ सी सुवर्णा, संयुक्त सचिव (मत्स्य पालन) भारत सरकार श्री सागर मेहरा, ओडिशा सरकार में आयुक्त एवं सचिव श्री आर रघु प्रसाद भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। ओडिशा का मत्स्य पालन विभाग और विभिन्न राज्यों के मत्स्य विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों / मंत्रालयों के अधिकारी, मछली-पालक, मछुआरे, मत्स्य उत्पादक, उद्यमी, हितधारक, पेशेवर, अधिकारी तथा देश भर के वैज्ञानिक भी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।
इस आयोजन के दौरान, भारत सरकार मत्स्य पालन क्षेत्र में दूसरी बार वर्ष 2020-21 के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों, देश के भीतरी इलाकों, समुद्री, पहाड़ी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों को सम्मानित करेगी, सर्वश्रेष्ठ जिला पुरस्कार देश के भीतरी इलाकों, समुद्री, पहाड़ी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों को दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त श्रेष्ठ अर्ध सरकारी संगठन/संघ/निगम/बोर्ड को भी पुरस्कृत किया जायेगा।
कार्यक्रम के दौरान तकनीकी सत्र भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें आईसीएआर-सीआईएफए के वैज्ञानिक दोपहर के सत्र में भाग लेंगे। व्यापक पहुंच के लिए पूरे कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जाएगा।
नीली क्रांति के माध्यम से आर्थिक क्षेत्र में प्रगति लाने के लिए मत्स्य पालन क्षेत्र में परिवर्तन करने हेतु सरकार बढ़-चढ़ कर काम कर रही है। इस पहल के माध्यम से उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि, गुणवत्ता में सुधार तथा अपशिष्ट में कमी के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने की कल्पना की गई थी। इस क्षेत्र की वृहद क्षमता को देखने हुए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मई 2020 में पांच वर्ष की अवधि के लिए 20,050 करोड़ रुपये से अधिक के बजट के साथ “प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) की शुरुआत की थी। पीएमएमएसवाई का लक्ष्य 2024-25 तक मछली उत्पादन को वर्तमान में 15.0 एमएमटी से बढाकर 22 एमएमटी तक करना और इस क्षेत्र के माध्यम से लगभग 55 लाख लोगों को अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा करना है।
पृष्ठभूमि:
दुनिया भर के सभी मछुआरों, मछली उत्पादकों और संबंधित हितधारकों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए हर साल 21 नवंबर को विश्व मत्स्य दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाना साल 1997 में शुरू किया गया था, जहां “मछली उत्पादकों एवं मछली पालकों के विश्व फोरम” का आयोजन नई दिल्ली में हुआ था, जिसके बाद 18 देशों के प्रतिनिधियों के साथ “वर्ल्ड फिशरीज फोरम” का गठन हुआ और स्थायी तौर पर मछली पकड़ने की प्रथाओं एवं नीतियों के वैश्विक जनादेश की वकालत करते हुए एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस आयोजन का उद्देश्य हमारे समुद्री और मीठे पानी के संसाधनों की स्थिरता के लिए मछली पकड़ने, आवास विनाश तथा अन्य गंभीर खतरों के प्रति ध्यान आकर्षित करना है। यह उत्सव स्थायी भंडारण और स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक मत्स्य पालन का प्रबंधन करने के तौर-तरीके बदलने पर ध्यान केंद्रित करने का काम करता है।
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एमजी/एएम/एनके/एके
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