Rail News : अहमदाबाद की सीबीआई अदालत ने एक बड़े परीक्षा पेपर लीक मामले में आठ सेवानिवृत्त रेल कर्मचारियों को पाँच-पाँच साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही, अदालत ने प्रत्येक दोषी पर पाँच-पाँच लाख रुपये का भारी जुर्माना भी लगाया है।
अदालत ने इन सभी आरोपियों को आपराधिक षड्यंत्र, चोरी, चोरी की संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करने या रखने, अपराध के साक्ष्य को गायब करने, सामान्य इरादे को आगे बढ़ाने में अपराध करने और आपराधिक कदाचार का दोषी ठहराया है।
इस मामले में दोषी ठहराए गए सेवानिवृत्त रेल कर्मचारियों में ये नाम शामिल हैं:
बड़ोदरा डीआरएम कार्यालय के तत्कालीन प्रधान लिपिक सुनील असमल गोलानी
वरिष्ठ सिफर ऑपरेटर महेंद्र मथुराप्रसाद व्यास
आनंद कंजरी बोरियावी के इलेक्ट्रिक सिग्नल मेंटेनर राजेश कुमार कालेश्वर गोस्वामी
बड़ोदरा बाजवा के इलेक्ट्रिक सिग्नल मेंटेनर आनंद सोमाभाई मेरैया
बड़ोदरा के वरिष्ठ लिपिक (ईडी) प्रकाश सीतारामदास करमचंदानी
अहमदाबाद कांकरिया के सहायक लोको पायलट महबूबली अब्दुल जब्बार अंसारी
अहमदाबाद कांकरिया के सहायक लोको पायलट परेशकुमार लालही भाई पटेल
अजमेर आरपीएफ कांस्टेबल पप्पू बब्बा खान
यह मामला सीबीआई ने 17 अगस्त 2002 को तत्कालीन मुख्य सतर्कता निरीक्षक, पश्चिम रेलवे, अहमदाबाद की शिकायत के आधार पर दर्ज किया था। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि राजेश गोस्वामी, ईएसएम-III, कर्जन- बोरियावी, पश्चिम रेलवे, आणंद, और रेलवे विभाग के अन्य कर्मचारियों तथा निजी व्यक्तियों द्वारा प्रश्नपत्र लीक किए जा रहे थे।
आरोप का सार यह था कि राजेशकुमार कालेश्वर गोस्वामी और रेलवे के अन्य अज्ञात कर्मचारी तथा कुछ निजी व्यक्ति 18 अगस्त 2002 को होने वाली प्रोबेशनरी असिस्टेंट स्टेशन मास्टर के पद के लिए लिखित परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों से 50 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक की मोटी रकम वसूल रहे थे।
जांच के बाद, सीबीआई ने 28 जुलाई 2003 को आठ दोषी व्यक्तियों और एक निजी व्यक्ति (जिसकी मुकदमे के दौरान मृत्यु हो गई थी) के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। इस मामले में अब सीबीआई अदालत का यह फैसला आया है, जो पेपर लीक जैसे गंभीर अपराधों में संलिप्त लोगों के लिए एक कड़ा संदेश है।
No comments yet. Be the first to comment!
Please Login to comment.
© G News Portal. All Rights Reserved.