Railways: एक ट्रेन को बनाने पर कितने पैसे खर्च करता है भारतीय रेलवे
बात चाहे छोटे सफर की हो या फिर लंबी दूरी की एक बड़ी संख्या में लोग ट्रेन से सफर करते हुए नजर आते हैं। इसके पीछे कई कारण भी है जैसे ट्रेन में आरामदायक सीट होती है,शौचालय की व्यवस्था रहती है और खानपान की भी सुविधा रहती है आदि। आपको बस अपना ट्रेन टिकट बुक करना होता है और इसके बाद आप रेल से यात्रा कर सकते हैं। इस बीच क्या आप ये जानते हैं कि भारतीय रेलवे एक ट्रेन के लिए कितने पैसे खर्च करता है?
पूरी ट्रेन का खर्च
बात अगर पूरी ट्रेन की करें तो एक ट्रेन
को बनाने में लगभग 60-70 करोड़ रुपये
खर्च होते हैं। हालांकि, ये खर्च अलग-अलग
ट्रेनों के हिसाब से अलग-अलग हो जाता है।
आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि 20 डिब्बों
बाली जो MEMU ट्रेन है उसे बनाने में
भारतीय रेलवे लगभग 30 करोड़ रुपये खर्च
करता है। जबकि 19 डिब्बों वाली अमृतसर
शताब्दी एलएचबी ट्रेन के लिए लगभग 60
करोड़ रुपये की लागत आती है।
इंजन पर इतना खर्च
ट्रेन में सबसे जरूरी चीज जो है वो है
उसका इंजन इतनी भारी भरकम ट्रेन को
खींचने के लिए एक मजबूत इंजन की ही
जरूरत होती है। इसलिए भारतीय रेलवे जो
इंजन बनाता है उसे इस तरह से तैयार किया
जाता है जो ट्रेन को आसानी से खींच लेते
हैं। वहीं, ट्रेन के एक इंजन को बनाने में
रेलवे 18-20 करोड़ रुपये तक खर्च करता
है।
स्लीपर एसी कोच
भारतीय ट्रेनों में एसी और स्लीपर दोनों
तरह के कोच लगाए जाते हैं जिससे लोग
अपनी जरूरत के हिसाब से क्लास चुन सके
ऐसे में अगर एक एसी कोच को बनाने में आने
वाले खर्च की बात करें तो इसमें लगभग 2
करोड़ रुपये का खर्चा आता है। जबकि, एक
स्लीपर कोच को बनाने में भारतीय रेलवे डेढ़
करोड़ रुपये तक खर्च करता है।
जनरल कोच
रेलवे जो ट्रेन तैयार करती है उसमें अलग-
अलग तरह के कोच होते हैं, जनरेटर एरिया होता
है, सामान रखने के लिए लगेज रूम होता है
आदि ठीक ऐसे ही इन ट्रेन में जनरल कोच भी
लगाए जाते हैं, जो गाड़ी के आगे और पीछे की
तरफ होते हैं। बात अगर जनरल कोच को करें
तो एक जनरल कोच को बनाने में लगभग 1
करोड़ रुपये रेलवे को खर्च करने पड़ते हैं।
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