पन्ना: मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के सरकारी कार्यालयों में अब फाइलों का ढेर नहीं दिखेगा। सरकार ने यहां ई-ऑफिस प्रणाली लागू कर दी है, जिससे सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और दक्षता आएगी। इस प्रणाली के तहत अधिकारी एक क्लिक पर जान सकेंगे कि फाइल कहां और क्यों रुकी हुई है।
ई-ऑफिस का पहला चरण शुरू:
संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन के सभी विभागों में ई-ऑफिस प्रणाली का पहला चरण शुरू हो गया है। इस प्रणाली के सफल संचालन के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को ई-दक्ष केंद्र में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण 4 मार्च से शुरू हुआ है, जिसमें कर्मचारियों को विभागवार प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
बाबू नहीं अटका पाएंगे फाइलें:
ई-ऑफिस लागू होने के बाद कार्यालयों में फाइलों की स्थिति ऑनलाइन ट्रैक की जा सकेगी। अधिकारियों को तुरंत पता चल जाएगा कि फाइल कब तैयार हुई, किस अधिकारी के पास गई और कहां रुकी हुई है। इससे कर्मचारियों की जवाबदेही तय होगी और बाबूगिरी के कारण फाइलें लंबित रखने की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी।
कागजी फाइलों से मुक्ति:
ई-ऑफिस प्रणाली लागू होने से सरकारी विभागों में फाइलों का ढेर खत्म हो जाएगा। अब दस्तावेजों को डिजिटल रूप में संग्रहीत किया जाएगा, जिससे रिकॉर्ड हमेशा के लिए सुरक्षित रहेगा। इससे फाइल गुमने या चोरी होने की समस्या से भी निजात मिलेगी।
प्रशिक्षण में शामिल विभाग:
ई-ऑफिस प्रशिक्षण के पहले चरण में कलेक्टर कार्यालय के अधीक्षक, भू-अर्जन, निर्वाचन, वित्त, शिकायत, आवक, नकल, नजूल, रीडर और स्टेशनरी शाखा, अनुज्ञप्ति, धर्मार्थ, राहत, स्थापना, सामान्य शासकीय अभिभाषक, सत्कार, विधि, नजारत, जावक एवं रीडर शाखा व रीडर दाण्डिक न्यायालय के कर्मचारियों को शामिल किया गया है।
पारदर्शिता में वृद्धि:
इस प्रणाली के लागू होने से सरकारी कामकाज में पारदर्शिता आएगी। अधिकारी जब चाहेंगे, किसी भी मामले की पूर्ण जानकारी अपने कंप्यूटर पर देख सकेंगे। इससे आम जनता को भी लाभ मिलेगा, क्योंकि अब उन्हें फाइलों के अटकने या देरी होने की परेशानी से निजात मिलेगी।
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