प्रयागराज: मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ मेले में हुई भगदड़ में 30 लोगों की मौत और 60 से अधिक घायल होने के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। भगदड़ के दूसरे दिन मेला क्षेत्र में स्थिति सामान्य नजर आई। मेला प्रशासन ने सभी VVIP पास को निरस्त कर दिया है और मेला क्षेत्र को नो व्हीकल ज़ोन घोषित किया गया है। अब किसी भी वाहन को मेला क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
सीएम ने खुद संभाली स्थिति, जांच के आदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना के बाद खुद स्थिति संभालते हुए मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की। इसके अलावा भगदड़ की न्यायिक जांच के लिए आयोग का गठन किया गया है। डीजीपी प्रशांत कुमार और मुख्य सचिव मनोज कुमार ने मेला क्षेत्र का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपने की बात कही।
महाकुंभ बना नो व्हीकल ज़ोन
मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाते हुए सभी पासों को निरस्त कर दिया गया है। अब श्रद्धालुओं को निर्धारित पार्किंग स्थलों से पैदल ही मेला क्षेत्र में जाना होगा। प्रशासन ने प्रयागराज के सात प्रमुख रूट्स पर बाहरी वाहनों की एंट्री बैन कर दी है।
प्रयागराज में वाहनों की एंट्री पर रोक
प्रयागराज-फैजाबाद, लखनऊ-प्रयागराज, और प्रयागराज-वाराणसी मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें देखी गई हैं। प्रशासन ने सभी वाहनों को शहर के बाहर पार्क करने के निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद कई जगहों पर जाम की स्थिति बनी हुई है।
रेलवे और बस सेवाएं सामान्य
उत्तर मध्य रेलवे के जन संपर्क अधिकारी अमित मालवीय ने बताया कि अब स्थिति सामान्य हो चुकी है। 225 मेला स्पेशल ट्रेनों से श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य तक भेजा जा रहा है। हालांकि भगदड़ के कारण आगरा-वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस समेत दो ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं।
30 लाख लोगों ने किया स्नान
मौनी अमावस्या के दूसरे दिन स्थिति सामान्य रही। सुबह तक 30 लाख से अधिक लोगों ने संगम में स्नान किया। पुलिस प्रशासन श्रद्धालुओं को स्नान के बाद तेजी से गंतव्य की ओर रवाना कर रहा है।
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