स्टेशन मास्टरों ने किया विरोध-प्रदर्शन, डीआरएम को सौंपा ज्ञापन
कोटा। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर स्टेशन मास्टरों ने बुधवार को मंडल रेलवे कार्यालय के समक्ष जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया। बाद में स्टेशन मास्टरों ने डीआरएम और कार्मिक अधिकारी को अपनी 16 सूत्री मांगों का एक ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में स्टेशन मास्टरों ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो आंदोलन तेज किया जाएगा। मामले को लेबर कोर्ट में भी ले जाया जा सकता है।
विरोध प्रदर्शन के दौरान ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन के कोटा मंडल अध्यक्ष आसाराम मीणा ने कहा कि आदेश के डेढ़ साल बाद भी पश्चिम-मध्य रेलवे में टू-नाइट रोस्टर लागू नहीं किया जा रहा है। इसके चलते 7 रातों तक लगातार नाइट ड्यूटि करने को मजबूर स्टेशन मास्टर बीमार हो रहे हैं। जबकि मुख्यालय द्वारा गत वर्ष 17 मार्च को टू नाईट रोस्टर लागू करने के आदेश जारी किए जा चुके हैं। इसके बाद भी कोटा मंडल सहित पूरे जोन में एक भी स्टेशन पर टू-नाइट रोस्टर लागू नहीं किया गया है।
आसाराम ने कहा कि लगातार नाइट ड्यूटी करने से पिछले कुछ सालों में ही 20 स्टेशन मास्टर बीमार होकर डि-केटेराज्ड हो चुके हैं। इसके अलावा पिछले करीब 2 साल में पूरे जोन में 2 दर्जन से अधिक स्टेशन मास्टर लकवा, हृदयाघात, अनिंद्रा, चिड़चिड़ापन तथा मानसिक तनाव आदि गंभीर रोगो से ग्रसित हो रहे हैं। इनमें कोटा मंडल के करीब 8 स्टेशन मास्टर भी शामिल हैं।
आसाराम ने कहा कि 7 रातों तक लगातार ड्यूटि करने से स्टेशन मास्टरों को प्रर्याप्त आराम नहीं मिल रहा है। जिसके चलते ट्रेनों की संरक्षा भी प्रभावित हो रही है।
आसाराम ने कहा कि इसके अलावा लगातार नाइट ड्यूटी से स्टेशन मास्टर पारिवारिक कार्यक्रमों से शामिल नहीं हो पा रहे हैं। इसका असर उनके सामाजिक जीवन पर पड़ रहा है।
आसाराम ने कहा कि साउथ- रेलवे, साउथ-सेंट्रल रेलवे और पूणे रेल मंडल में पिछले करीब 10 सालों से टू-नाइट रोस्टर लागू है। धनबाद डिवीजन एवं मुगलसराय डिविजन में भी टू- नाइट ड्यूटी रोस्टर लागू कर दिया गया है। इसके बाद भी यहां लागू नहीं किया जा रहा।
एक साल बाद भी आई रोस्टर लागू नहीं
आसाराम ने कहा कि जॉब एनालिसिस के बाद भी कोटा रेल मंडल के व्यस्ततम स्टेशनों पर पिछले करीब एक साल से आई रोस्टर लागू नहीं किया जा रहा है। आसाराम ने कहा कि इसके अलावा स्टेशन मास्टरों को स्टाइ फंड ग्रेड पे 4200 के अनुसार नहीं दिया जा रहा है।
आसाराम ने कहा कि इसके अलावा स्टेशन प्रबंधक, आरआरआई तथा एसएसआई कार्यालय को वातानुकूलित नहीं किया जा रहा है। जबकि रेलवे बोर्ड द्वारा एक साल पहले ही इसके आदेश जारी किए जा चुके हैं।
आसाराम ने कहा कि इसके अलावा कोटा-चित्तौड़ रेल खंड में ड्यूटी रोस्टर 8 घंटे का लागू नहीं किया जा रहा है। व्यस्ततम एवं साइडिंग स्टेशनों पर यार्ड स्टिक के अनुसार सुपरवाइजर पोस्ट भी नहीं बनाई गई है।आसाराम ने कहा कि इसके अलावा एलडीसी कोटे की रिक्तियों को को भी नहीं भरा जा रहा है।
विरोध प्रदर्शन करने वालों में एसोसिएशन के कोटा मंडल सचिव एहसान अहमद, केंद्रीय संयुक्त सचिव तीरथ सिंह, केंद्रीय सह सचिव कामिनी सिकरवार तथा जोनल अध्यक्ष हेमराज मीणा सहित बड़ी संख्या में अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल थे।