शिविर लगाकर और सैटेलाइट के जरिये भूमि की जांच कर दिये जायेंगे पट्टे, हक पत्र -जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य मंत्री

शिविर लगाकर और सैटेलाइट के जरिये भूमि की जांच कर दिये जायेंगे पट्टे, हक पत्र -जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य मंत्री

शिविर लगाकर और सैटेलाइट के जरिये भूमि की जांच कर दिये जायेंगे पट्टे, हक पत्र
-जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य मंत्री
जयपुर, 18 मार्च। जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य मंत्री श्री अर्जुन सिंह बामनिया ने गुरूवार को विधानसभा में कहा कि वन अधिकार के पट्टे शिविर लगाकर आवेदकों को दिये जायेंगे।
श्री बामनिया ने प्रश्नकाल में विधायक श्री हरेंद्र निनामा द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि जिन पट्टों के आवेदन विभाग द्वारा निरस्त किये गये है, उनको सैटेलाइट के जरिये दिखाया जायेगा। पात्र पाये जाने पर उन्हें पट्टे जारी कर दिये जायेंगे। इसके लिए आवेदक ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते है।
उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत अमरथून में 131, सडला में 68, कुवनिया में 174, जगपुरा में 102, खेरवा में 141, सिरावालाघड़ा में 16 कुल 531 पट्टे जारी किये जा चुके है। उन्होंने बताया कि 2005 के नियमों के अनुसार वर्ष 2005 से पहले से कब्जाशुदा को भी आवेदन करने पर नियमानुसार पट्टे जारी कर दिये जायेंगे।
इससे पहले विधायक श्री हरेंद्र निनामा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में उन्होंने बताया कि बांसवाडा जिले के आदिवासी क्षेत्र में वन अधिकार पत्र देने का निर्णय किया गया था। बांसवाडा जिलें में अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 एवं नियम 2008 व संशोधित नियम 2012 के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र घाटोल रेंज घाटोल के अंतर्गत कुल 6 हजार 523 वनाधिकार दावे प्राप्त हुए। इनमें से कुल 3 हजार 903 वनाधिकार दावे नियमानुसार पात्र होने पर वनाधिकार पट्टे, हक पत्र जारी किये गये है। इसके अलावा कुल 354 स्वीकृत दावो में पट्टे जारी करने की कार्यवाही जारी है।
उन्होंने बताया कि घाटोल विधानसभा क्षेत्र के रेंज पीपलखूंट जिला प्रतापगढ क्षेत्र में 5 हजार 316 वनाधिकार दावे प्राप्त हुए है। इनमें से 2 हजार 421 व्यक्तियों को वनाधिकार हक पत्र जारी किये गए है। उन्होंने बताया कि साक्ष्य एवं अन्य कारणों से निरस्त प्रकरणो के रिव्यू, रिविजन में प्रथम दृष्टया योग्य पाये गये 785 प्रकरणों अन्तर्गत कब्जा काश्त की अवधारणा गूगल ईमेज वर्ष 2010 से पूर्व की उपलब्ध नहीं होने की वजह से संपुष्ट साक्ष्य की विवेचना सेटेलाईट ईमेज वेरिफिकेशन के लिए स्टेट रिमोट सेन्सिंग एजेंसी, जोधपुर से प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य मंत्री ने बताया कि ग्राम पंचायत सड़ला, अमरथुन, कुवनिया, जगपुरा, खेरवा, सिरावालाघड़ा में वन भूमि पर खेती करते आ रहें किसानों को पट्टे, हक पत्र जारी किये गए है।

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