वाएबिलिटी गैप फंडिंग स्कीम के तहत विभाग नई परियोजनाएं तैयार करें – मुख्य सचिव

वाएबिलिटी गैप फंडिंग स्कीम के तहत विभाग नई परियोजनाएं तैयार करें – मुख्य सचिव

वाएबिलिटी गैप फंडिंग स्कीम के तहत विभाग नई परियोजनाएं तैयार करें – मुख्य सचिव
जयपुर, 21 जनवरी। मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने सभी विभागों से कहा है कि वे केन्द्र सरकार की वाएबिलिटी गैप फंडिंग स्कीम के तहत शुरू की जा सकने वाली परियोजनाओं की रूपरेखा शीघ्र बनाएं। उन्होंने कहा कि अपशिष्ट जल शोधन, जलापूर्ति, ठोस कचरा प्रबंधन, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ बनाने के लिए संबंधित विभाग पीपीपी मॉडल के तहत संचालित होने वाली योजनाएं तैयार करें।
मुख्य सचिव ने गुरूवार को केन्द्र की वीजीएफ योजना की राज्य में क्रियान्विति के संबंध में आयोजित बैठक के दौरान यह बात कही। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पीपीपी मोड़ पर अस्पतालों का निर्माण, पहले से मौजूद अस्पतालों का अपग्रेडेशन, सीटी स्कैन व एमआरआई मशीनों का पीपीपी मोड़ पर संचालन, शैक्षणिक संस्थानों में कोचिंग सुविधा व अलग से महिला टॉयलेट का निर्माण, स्पोर्ट्स फेसिलिटी, रोडवेज टर्मिनल, पब्लिक लाइब्रेरी, क्लब्स, सेनिटेशन, वाटर सप्लाई, कोल्ड स्टोरेज, होस्टल्स, स्मार्ट मीटर आदि के निर्माण जैसे कायोर्ं को इस योजना के तहत शामिल किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इस योजना की प्रथम उपयोजना के तहत केन्द्र सरकार सामाजिक क्षेत्रों जैसे अपशिष्ट जल शोधन, जलापूर्ति, ठोस कचरा प्रबंधन, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्रों में कुल परियोजना लागत का अधिकतम 30 प्रतिशत उपलब्ध कराएगी और राज्य सरकार अथवा प्रायोजक केन्द्रीय मंत्रालय अथवा वैधानिक निकाय कुल परियोजना लागत की अतिरिक्त 30 प्रतिशत सहायता उपलब्ध करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस श्रेणी के तहत पात्र परियोजनाओं की कम से कम 100 प्रतिशत संचालन लागत पुनः प्राप्त होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त वीजीएफ की द्वितीय उपयोजना के तहत सामाजिक क्षेत्र में स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़े पायलेट प्रोजेक्ट्स को सहायता दी जाएगी, जहां कम से कम 50 प्रतिशत संचालन लागत की पुनः प्राप्ति हो। उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं में केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा मिलकर पहले पांच वषोर्ं में पूंजी लागत का 80 प्रतिशत और संचालन एवं रख-रखाव लागत का 50 प्रतिशत हिस्सा उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा इस परियोजना में कुल परियोजना लागत का अधिकतम 40 प्रतिशत हिस्सा उपलब्ध कराया जाएगा।
इस अवसर पर आयोजना विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन उपस्थित थे। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव, जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी श्री सुधांश पंत, प्रमुख शासन सचिव वित्त विभाग श्री अखिल अरोड़ा, प्रमुख शासन सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती अपर्णा अरोड़ा, प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास एवं आवासन विभाग श्री भास्कर सावंत, प्रमुख शासन सूचना प्रोद्योगिकी एवं संचार विभाग श्री अजिताभ शर्मा, प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा विभाग श्री दिनेश कुमार, शासन सचिव, जल संसाधन विभाग श्री नवीन महाजन, शासन सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग श्री वैभव गालरिया, शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग श्री भवानी सिंह देथा, शासन सचिव, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग श्रीमती शुचि शर्मा एवं अन्य विभागों के अधिकारियों ने वीसी के माध्यम से हिस्सा लिया।

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