साहित्य और सांस्कृतिक अकादमियों की दुर्दशा पर आधारित है साहित्यकार भगवान अटलानी का उपन्यास- कामनाओं का कुहासा।

साहित्य और सांस्कृतिक अकादमियों की दुर्दशा पर आधारित है साहित्यकार भगवान अटलानी का उपन्यास- कामनाओं का कुहासा।

साहित्य और सांस्कृतिक अकादमियों की दुर्दशा पर आधारित है साहित्यकार भगवान अटलानी का उपन्यास- कामनाओं का कुहासा।
उपन्यास को http://pustakbazaar.com/books/view/44 पर क्लिक कर ऑनलाइन पढ़ा जा सकता है।
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अव्वल तो सरकारें साहित्य सांस्कृतिक आदि से जुड़ी अकादमियों पर अध्यक्षों की नियुक्तियां नहीं करती हैं, लेकिन जब कभी अध्यक्ष की नियुक्ति कर दी जाती है तो सरकार की राजनीतिक विचारधारा और अध्यक्ष की साहित्यिक विचारों में टकराव हो जाता है। राजनीतिक दल का प्रयास होता है ऐसी अकादमियों में भी उन्हीं की विचारधारा के अनुरूप काम हो। ऐसे में जिस उद्देश्य से अकादमी बनी वह पूरा नहीं हो पाता है। साहित्य और सांस्कृतिक विचारधारा पर राजनीतिक विचारधारा हावी हो जाती है। ऐसी कुंठाओं को राजस्थान के प्रमुख साहित्यकार भगवान अटलानी ने अपने उपन्यास, ‘कामनाओं का कुहासा में विस्तार से लिखा है। इस उपन्यास को http://pustakbazaar.com/books/view/44 पर क्लिक कर ऑनलाइन ही पढ़ा जा सकता है। करीब 600 पृष्ठ का यह उपन्यास ईबुक तकनीक से उपलब्ध है। उपन्यास के लेखक भगवान अटलानी राजस्थान सिंधी अकादमी के अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके साथ ही केंद्रीय साहित्य अकादमी, ज्ञानपीठ पुरस्कार कमेटी की स्थापित राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद एवं अन्य शैक्षणिक, साहित्यिक संस्थाओं से भी जुड़े रहे हैं। अटलानी को कई अकादेमियों के सर्वोच्च पुरस्कार भी मिले हैं। कामनाओं का कुहासा अटलानी की प्रकाशित 35वीं पुस्तक है। इस उपन्यास का धारावाहिक प्रकाशन साप्ताहिक राष्ट्रदूत में भी प्रकाशित हो रहा है। उपन्यास अकादमियों में सामाजिक, राजनीतिक व धार्मिक पाखंड की पोल खोलता है। नैतिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले लेखक को राजनीति अपने ढंग से चलाना चाहती है। इसलिए समुदाय में मकबूलियत के बावजूद सत्ताधारियों से टकराहट होती है। सृजन को संगठन पर तरजीह देते हुए लेखकों के प्रचंड दबाव को दरकिनार करके कार्यकाल के अंतिम में दौर में वे वापस पद स्वीकार न करने का फैसला करते हैं। भगवान अटलानी ने बताया कि कामनाओं का कुहासा ईबुक का प्रकाशित कनाडा की संस्था pustakbazaar.com ने किया है। उपन्यास के लेखन पर मोबाइल नंबर 9828400325 पर भगवान अटलानी की हौसला अफजाई की जा सकती है।

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