केन्द्र की स्वीकृति के बाद ही नयी सीडीपीओ परियोजना स्वीकृत -महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री 

केन्द्र की स्वीकृति के बाद ही नयी सीडीपीओ परियोजना स्वीकृत -महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री 

केन्द्र की स्वीकृति के बाद ही नयी सीडीपीओ परियोजना स्वीकृत
-महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री
जयपुर, 18 मार्च। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने गुरूवार को विधानसभा में बताया कि नयी सीडीपीओ परियोजना (बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय) खोलने के लिए केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृति जारी की जाती है। लेकिन केंद्र सरकार ने वर्ष 2018-19 के बाद से अभी तक कोई नई सीडीपीओ परियोजना जारी नहीं की है।
श्रीमती भूपेश ने प्रश्नकाल में विधायक श्री हीराराम के पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 304 सीडीपीओ परियोजनाएं संचालित है। इस तरह की परियोजना कार्यालय खोलने के लिए क्षेत्र में एक लाख की आबादी होना आवश्यक है। इसमें 17 प्रतिशत 6 वर्ष से कम आयु के बच्चे हो, 15 से 45 आयु की महिलाओं की संख्या 20 हजार हो, गर्भवती धात्री महिलाओं की संख्या 4 हजार अनुमानित होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि ग्रामीण परियोजनाओं में गांवों की संख्या 100 मानी जाती है।
उन्होंने बताया कि अगर परियोजना नई खोलने की स्थिति आती है तो, जिस जगह का प्रस्ताव बनाया जायेगा तो उस जगह जनजाति बाहुल्य क्षेत्र हो, अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र हो, सूखाग्रस्त क्षेत्र हो, पिछड़ा क्षेत्र हो, पोषण तत्वों की कमी वाला क्षेत्र हो, सामाजिक विकास की कमी वाले क्षेत्र हो, प्रतिकूल पुरूष-महिला अनुपात हो, बाल श्रम वाले जिलों हो। इस तरह इन नियमों को पूरा करने पर ही प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जा सकता है।
इससे पहले विधायक श्री हीराराम के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में उन्होंने बताया कि विधानसभा क्षेत्र बिलाड़ा में 4 परियोजनाऎं क्रमशः बिलाड़ा, मंडोर, भोपालगढ़ एवं लूणी संचालित है। इनमें बिलाड़ा के 172, मंडोर के 33, भोपालगढ़ के 70 एवं लूणी के 32 आंगनबाड़ी केंद्रों सहित कुल 307 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं।
श्रीमती भूपेश ने बताया कि समेकित बाल विकास सेवाओं द्वारा गर्भवती, धात्री महिलाओं, किशोरी बालिकाओं एवं 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से पूरक पोषाहार, शाला पूर्व शिक्षा, टीकाकरण, पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा, संदर्भ एवं रेफरल सेवाऎं प्रदान की जाती है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत सभी वर्गों  की गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को उनके पहले जन्मे शिशुओं के लिए मां बच्चे के स्वास्थ्य एवं पोषण के लिए निर्धारित शर्तें पूर्ण करने पर 5 हजार रूपये की राशि का तीन किश्तों में भुगतान किया जाता है।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने बताया कि नवीन आंगनबाड़ी केंद्र खोलने पर केंद्र सरकार द्वारा रोक है। केंद्र सरकार के स्तर पर नवीन आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृति प्रदान किये जाने की स्थिति में निर्देशानुसार नवीन आंगनबाड़ी केन्द्र स्वीकृत करने संबंधी अग्रिम कार्यवाही की जाती है।

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