प्राकृतिक आपदाओं के लिए आरक्षित सैस राशि में से कोई खर्चा नहीं
– संसदीय कार्य मंत्री
जयपुर, 17 मार्च। संसदीय कार्य मंत्री श्री शान्ति कुमार धारीवाल ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि डीएलसी दरों को कम करने से यदि राजस्व में बढ़ोतरी होती है तो इस पर विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि काउ सैस की 20 प्रतिशत राशि में से 268 करोड 5 लाख रुपये की राशि महामारी, बाढ़, सूखा व प्राकृतिक आपदाओं के लिए रखी गई है, जिसमें से अब तक कोई खर्चा नहीं किया गया है।
श्री धारीवाल प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि स्टाम्प ड्यूटी पर कुल 30 प्रतिशत अधिभार है, जिसमें 10 प्रतिशत काउ सैस, 10 प्रतिशत प्राकृतिक आपदा तथा 10 प्रतिशत इन्फ्रास्ट्रक्चर का शामिल है। उन्होंने बताया कि स्टाम्प ड्यूटी पर सरचार्ज से प्रदेश सरकार को 805 करोड 5 लाख रुपये प्राप्त हुये। इसमें 20 प्रतिशत काउ सैस जो लगभग 537 करोड रुपये है, जिसमें से आधी राशि 268 करोड 5 लाख रुपये महामारी, बाढ़, सूखा व प्राकृतिक आपदाओं के लिए रखी गई है। उन्होंने बताया कि इस राशि में से अब तक कोई खर्चा नहीं किया गया है।
इससे पहले विधायक श्रीमती अनिता भदेल के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में श्री धारीवाल ने बताया कि 7 मार्च 2016 तक स्टाम्प ड््यूटी पर अधिभार 10 प्रतिशत था। उन्होंने बताया कि 8 मार्च 2016 को 10 प्रतिशत काउ सैस और लगाकर इसे 20 प्रतिशत कर दिया गया। श्री धारीवाल ने बताया कि 15 मई 2020 को गाय एवं उसकी नस्ल के संरक्षण एवं प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा, बाढ़ आदि के प्रभाव को कम करने के लिए 10 प्रतिशत काउ सैस को बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया गया है। इस प्रकार वर्तमान में स्टाम्प ड््यूटी पर सरचार्ज की दर 30 प्रतिशत है।
उन्होंने बताया कि 20 फरवरी 2020 से भूमि की डीएलसी दरें 10 प्रतिशत घटाई गई हैं। वर्ष 2020-21 के लिए डीएलसी दरों में वृद्धि नहीं की गई है। इसलिए डीएलसी दरों में कमी होने से सरचार्ज में वृद्धि के इस निर्णय से दस्तावेजों के पंजीकरण पर विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा।
श्री धारीवाल ने बताया कि सरचार्ज की दर में बढ़ोतरी को वापस लेने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।