प्रत्येक विद्यार्थी के भीतर छिपी प्रतिभा को तराशने के लिए शिक्षकों को मूर्तिकार के रूप में कार्य करने की है महती आवश्यकता – संभागीय आयुक्त

प्रत्येक विद्यार्थी के भीतर छिपी प्रतिभा को तराशने के लिए शिक्षकों को मूर्तिकार के रूप में कार्य करने की है महती आवश्यकता – संभागीय आयुक्त

प्रत्येक विद्यार्थी के भीतर छिपी प्रतिभा को तराशने के लिए शिक्षकों को मूर्तिकार के रूप में कार्य करने की है महती आवश्यकता – संभागीय आयुक्त
जयपुर, 11 जनवरी। संभागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा ने कहा कि समाज में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है बिना गुरु के ज्ञान अधूरा है । उन्होंने गुरु की महिमा बताते हुए कहा कि प्रत्येक शिक्षक को मूर्तिकार के रूप में कार्य करने की आवश्यकता है ताकि प्रत्येक विद्यार्थी के अंदर छिपी प्रतिभा को तराश कर उसे योग्य एवं जिम्मेदार नागरिक बना सके ।
श्री शर्मा सोमवार को यहां राजकीय सिंधी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में स्वामी विवेकानंद जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के पद से उपस्थित शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को चाहिये कि वे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करे। उन्होंने नामांकन वृद्धि ,विद्यालयों में समय की पाबंदी, अनुशासन एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने की बात कही ।
संभागीय आयुक्त ने शिक्षा के क्षेत्र में राज्य स्तर पर किए जा रहे मूल्यांकन में प्रथम 10 जिलों में जयपुर संभाग के चार जिलों को स्थान प्राप्त होने पर शिक्षकों के कार्य की प्रशंसा की। कार्यक्रम के दौरान डॉ शर्मा ने आईटीआई के शिक्षकों को सम्मानित करते हुए कहा कि देश की प्रगति में कौशल विकास का बहुत अधिक महत्वपूर्ण योगदान है हमें और अधिक प्रयास कर रोजगार परक बनना चाहिए ताकि स्वयं आत्मनिर्भर बन सकें ।
इस अवसर पर संभागीय आयुक्त ने अच्छा कार्य करने वाले शिक्षा विभाग के 52 शिक्षकों तथा संस्कृत शिक्षा के 22 एवं तकनीकी शिक्षा (आईटीआई) के 10 शिक्षकों को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक श्री रतन सिंह यादव सहित अन्य अधिकारी व विद्यालय के शिक्षक भी उपस्थित थे।

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