बरनाला: बरनाला तहसील मुख्यालय के समीप स्थित बरनाला गांव में पिछले 15 दिनों से पीएचईडी विभाग के 7 हेडपंप खराब पड़े हैं। जिसके कारण गांव के कई मोहल्लों के ग्रामीण पीने के पानी के लिए भटक रहे हैं।
ग्रामीणों ने इस समस्या को लेकर ग्राम पंचायत सरपंच गीता देवी से शिकायत की। सरपंच ने यह कहते हुए मामले को टाल दिया कि ये हेडपंप पीएचईडी विभाग के अंतर्गत आते हैं और उन्हें ही इनकी मरम्मत करवानी चाहिए।
ग्रामीणों के आग्रह पर सरपंच ने 30 दिसंबर को पीएचईडी विभाग के सहायक अभियंता को लिखित रूप से इस समस्या से अवगत कराया, लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सरकार की जल जीवन मिशन योजना पर सवाल
एक ओर सरकार जल जीवन मिशन के तहत घर-घर नल का पानी पहुंचाने का दावा करती है, वहीं दूसरी ओर बरनाला गांव जैसे कई गांवों में आज भी लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। इस स्थिति ने सरकार की इस योजना पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ग्रामीणों की परेशानी
खराब हेडपंपों के कारण ग्रामीणों को पानी के लिए दूर-दूर तक जाना पड़ रहा है। खासकर महिलाओं और बुजुर्गों को इस समस्या का सबसे ज्यादा सामना करना पड़ रहा है।
क्या कहते हैं ग्रामीण?
ग्रामीणों ने बताया कि वे कई बार पीएचईडी विभाग के अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द खराब हेडपंपों को ठीक करवाया जाए ताकि उन्हें पानी की समस्या से निजात मिल सके।
क्या कहता है प्रशासन?
इस मामले में अभी तक प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
यह समस्या क्यों है महत्वपूर्ण?
यह समस्या इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिखाती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव कितना बड़ा मुद्दा है। पीने का पानी एक मूलभूत अधिकार है और सभी को स्वच्छ पेयजल मिलना चाहिए।
आप क्या कर सकते हैं:
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