कोटा: पश्चिम-मध्य रेलवे (WCR) के तीनों मंडलों- कोटा, जबलपुर और भोपाल- में कुल 78 टावर वैगन उपलब्ध हैं, जो रेलवे के ओवर हेड कर्षण उपकरण (OHE) के रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इनमें 20 चार पहियों वाली और 58 आठ पहियों वाली टावर वैगन शामिल हैं।
मंडलों में टावर वैगनों की संख्या:
जबलपुर: 5 चार पहियों वाली और 22 आठ पहियों वाली टावर वैगन।
भोपाल: 9 चार पहियों वाली और 19 आठ पहियों वाली टावर वैगन।
कोटा: 6 चार पहियों वाली और 17 आठ पहियों वाली टावर वैगन।
टावर वैगन का मुख्य कार्य ओएचई का रखरखाव और मरम्मत करना है। पश्चिम-मध्य रेलवे में 100% विद्युतीकरण पूरा हो चुका है, जिससे इन वैगनों का महत्व और भी बढ़ गया है।
टावर वैगनों के उपयोग:
ओवरहेड रखरखाव: ये वैगन ओएचई लाइनों के नियमित निरीक्षण और रखरखाव के लिए उपयोग की जाती हैं।
मास्ट और तारों की स्थापना: इनका उपयोग मास्ट (खंभे) लगाने और केटेनरी एवं कॉन्टैक्ट तारों को बिछाने में भी किया जाता है।
निरीक्षण: टावर वैगन चालू रेलवे लाइनों पर भी निरीक्षण करने में सक्षम हैं, जिससे बिना यातायात बाधित किए काम किया जा सकता है।
ये टावर वैगन अधिकतम 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं। रेलवे के सुचारू और सुरक्षित संचालन के लिए इनका नियमित रखरखाव अत्यंत आवश्यक है।
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