एसीबी की कार्यशाला: नए आपराधिक कानूनों और आय से अधिक संपत्ति मामलों की जांच पर विशेषज्ञों ने साझा किए अनुभव

एसीबी की कार्यशाला: नए आपराधिक कानूनों और आय से अधिक संपत्ति मामलों की जांच पर विशेषज्ञों ने साझा किए अनुभव

जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की ओर से गुरुवार को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का विषय 'इन्वेस्टीगेशन ऑफ डी ए केसेस: ए कंप्रेहेंसिव एप्रोच इन दी लाइट ऑफ न्यू क्रिमिनल लॉज' था। इस आयोजन में अधिकारियों को नए आपराधिक कानूनों के तहत आय से अधिक संपत्ति (Disproportionate Assets) मामलों की जांच की बारीकियों से अवगत कराया गया।

कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि एसीबी के डीजी डॉ. रविप्रकाश मेहरड़ा और विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत्त डीजी डीसी जैन ने किया। डॉ. मेहरड़ा ने कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य डीए मामलों की जांच को नए आपराधिक कानूनों के अनुरूप अधिक प्रभावी बनाना और अभियोजन प्रक्रिया को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन अधिकारियों को कानून की गहन समझ प्रदान करते हैं और समन्वय को बढ़ावा देते हैं।

जांच की बारीकियों पर गहन चर्चा

पहले सत्र में सेवानिवृत्त डीजी डीसी जैन ने 'अंडरस्टैंडिंग दी न्यूसेन्स इन्वॉल्वड इन दी इन्वेस्टीगेशन ऑफ डीए केसेस' विषय पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने संपत्ति की जांच, वित्तीय विश्लेषण और साक्ष्यों की सत्यता सुनिश्चित करने के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला। दूसरे सत्र में 'न्यू क्रिमिनल लॉज-2023: इट्स एप्लीकेबिलिटी इन एसीबी केसेस' विषय पर चर्चा की गई। नए कानूनों के तहत साक्ष्य संग्रह, अपराध सिद्ध करने की प्रक्रिया और अभियोजन पक्ष की जिम्मेदारियों पर जानकारी दी गई।

खुले मंच पर साझा किए अनुभव

कार्यक्रम के तीसरे सत्र में ओपन हाउस डिस्कशन आयोजित किया गया, जिसमें अधिकारियों ने डीए मामलों की जांच से जुड़े अपने अनुभव और चुनौतियों को साझा किया। इस चर्चा का उद्देश्य बेहतर सहयोग और समन्वय स्थापित कर भ्रष्टाचार निरोधक मामलों में सजा दर (Conviction Rate) को बढ़ाने की रणनीतियों पर विचार-विमर्श करना था।

आधुनिक तकनीकों का उपयोग

कार्यशाला में अनुसंधान अधिकारियों और अभियोजन अधिकारियों के बीच समन्वय को मजबूत करने पर जोर दिया गया। नए आपराधिक कानूनों के तहत साक्ष्य संग्रह और कानूनी विश्लेषण के आधुनिक तकनीकों के उपयोग पर विस्तार से चर्चा हुई।

इस कार्यशाला में एसीबी के डीआईजी कालूराम रावत, डीआईजी राजेश सिंह, अनिल कयाल, शिवराज सिंह, एसपी प्यारेलाल शिवरान, वित्तीय सलाहकार सांवरमल और सभी यूनिट्स के एएसपी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। समापन सत्र में डीआईजी राहुल कोटोकी ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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