कोटा। कोटा रेल मंडल में अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत हुए विकास कार्यों की गुणवत्ता पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। मानसून की पहली बारिश के तीसरे दिन, शनिवार को बूंदी रेलखंड स्थित मांडलगढ़ स्टेशन की फॉल सीलिंग (False Ceiling) भी गिर गई। यह गनीमत रही कि इस घटना में कोई भी यात्री चोटिल नहीं हुआ।
फॉल सीलिंग गिरने की सूचना मिलते ही रेलवे अधिकारी मामले को दबाने में जुट गए। उन्होंने ठेकेदार की बजाय अपने ही कर्मचारियों को तुरंत फॉल सीलिंग की मरम्मत के काम में लगा दिया। इस दौरान, अधिकारियों ने लगातार हो रही बारिश और टपकते पानी की भी परवाह नहीं की। फॉल सीलिंग की मरम्मत का यह काम रात 1 बजे तक भी जारी रहा, हालांकि रात में यह काम ठेका कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा था।
उल्लेखनीय है कि मांडलगढ़ स्टेशन पर जगह-जगह बारिश का पानी भी भर गया है। इस पानी के कारण दिव्यांग यात्रियों को भी निकलने का रास्ता नहीं बचा, जिससे उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। यह मामला एक दिन पहले, शुक्रवार को ही सामने आया था, और उसके ठीक अगले दिन फॉल सीलिंग गिरने की घटना हो गई।
गौरतलब है कि मांडलगढ़ स्टेशन पर फॉल सीलिंग और पानी भरने वाली जगह का काम अमृत भारत विकास योजना के तहत ही हुआ है। यह घटना इस योजना के तहत किए जा रहे कार्यों की गुणवत्ता पर सीधे प्रश्नचिह्न लगाती है।
अमृत भारत योजना के तहत बनी फॉल सीलिंग गिरने की यह तीन दिन में दूसरी घटना है। इससे पहले गुरुवार को बारां रेलवे स्टेशन पर भी फॉल सीलिंग गिरने का मामला सामने आया था, जिसकी मरम्मत शनिवार शाम तक भी नहीं हो पाई थी।
अमृत भारत योजना के तहत चल रहे घटिया कामों के ये पहले मामले नहीं हैं। इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जो लगातार गुणवत्ता नियंत्रण की कमी और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करते हैं। यात्रियों और स्थानीय लोगों ने इन घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए रेलवे प्रशासन से उच्च स्तरीय जांच और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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