कोटा। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी 'अमृत भारत स्टेशन योजना' के तहत हुए विकास कार्यों की गुणवत्ता पर एक बार फिर सवाल उठ गए हैं। बारां रेलवे स्टेशन पर गुरुवार को मानसून की पहली ही बारिश में स्टेशन के प्रवेश द्वार के ठीक सामने लगी फॉल सीलिंग (False Ceiling) भरभराकर गिर गई। यह गनीमत रही कि घटना के समय वहां कोई यात्री मौजूद नहीं था, अन्यथा कोई गंभीर चोट का शिकार हो सकता था।
स्टेशन स्टाफ ने बताया कि यह फॉल सीलिंग बनते समय भी कई बार गिर चुकी थी, इसके बावजूद अधिकारियों ने इसकी गुणवत्ता पर ध्यान देना जरूरी नहीं समझा। यह स्थिति रेलवे के निर्माण कार्यों में बरती जा रही कथित लापरवाही को उजागर करती है।
उल्लेखनीय है कि घटना से ठीक एक दिन पहले, बुधवार को मंडल रेल प्रबंधक (DRM) अनिल कालरा ने बारां स्टेशन का दौरा भी किया था। इसके बावजूद ऐसी घटना का होना, निरीक्षण और गुणवत्ता नियंत्रण की प्रक्रियाओं पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है।
बारां में सामने आया यह मामला 'अमृत भारत योजना' के तहत स्टेशनों पर हुए कथित घटिया कामों का पहला उदाहरण नहीं है। इससे पहले भी कई स्टेशनों पर ऐसी शिकायतें सामने आ चुकी हैं:
ये सभी घटनाएं 'अमृत भारत स्टेशन योजना' के तहत किए जा रहे कार्यों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठाती हैं और रेलवे प्रशासन को इस ओर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और जनता के पैसे का सही उपयोग हो सके।
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