कोटा। बारां रेलवे स्टेशन के समीप स्थित क्रॉसिंग गेट नंबर 36 पर पिछले सात वर्षों से एक पुरानी गुमटी का मलबा ज्यों का त्यों पड़ा हुआ है। स्थानीय रेलवे कर्मचारियों और गेटमैनों द्वारा कई बार लिखित शिकायतें करने के बावजूद, रेलवे अधिकारियों ने इस मलबे को हटाने की कोई जहमत नहीं उठाई है। इस गंभीर लापरवाही के चलते अब यह मलबे का ढेर सांप, बिच्छू, और गोयरा जैसे कई जहरीले जीव जंतुओं का स्थायी ठिकाना बन गया है।
यहां ड्यूटी पर तैनात गेटमैनों को इन जहरीले जीवों से लगातार जान का खतरा बना रहता है। कर्मचारियों ने बताया कि कई बार ये जहरीले जीव जंतु गेट पैनल में भी घुस चुके हैं, जिससे रेलवे सिग्नलिंग सिस्टम में खराबी आने और रेल दुर्घटना होने का गंभीर अंदेशा बना रहता है। मलबे के इस ढेर के अलावा, गेट की पिछली बाउंड्री वॉल भी टूटी हुई है, जो खतरे को और बढ़ा देती है और जानवरों के साथ-साथ अनाधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश का मार्ग भी खोलती है।
कर्मचारियों के अनुसार, यह पुरानी गुमटी 2019 में तोड़ी गई थी ताकि उसकी जगह नई गुमटी बनाई जा सके। नई गुमटी का निर्माण तो हो गया, लेकिन रेलवे ने पुरानी गुमटी के मलबे को वहां से हटाना जरूरी नहीं समझा। आश्चर्यजनक रूप से, इस मलबे के ढेर में रेलवे का मूल्यवान लोहा भी दबा हुआ है, जिसकी ओर भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
यह स्थिति न केवल कार्यरत कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा जोखिम है, बल्कि रेलवे संपत्ति के प्रबंधन में भी घोर लापरवाही को दर्शाती है। स्थानीय लोगों और कर्मचारियों ने रेलवे प्रशासन से तत्काल इस मलबे को हटाने और गेट के आसपास की सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग की है।
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