CM भजनलाल का बड़ा फैसला: डिजायर चलेगी, मनमर्जी नहीं, तबादलों में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए लागू होंगे नए दिशा-निर्देश

CM भजनलाल का बड़ा फैसला: डिजायर चलेगी, मनमर्जी नहीं, तबादलों में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए लागू होंगे नए दिशा-निर्देश

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादलों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उनके इस फैसले के तहत, जिन अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले विधायक की 'डिजायर' (इच्छा) पर किए जाएंगे, उन्हें कम से कम दो साल तक उसी स्थान पर रखा जाएगा। प्रमोशन मिलने के बाद ही उनकी दूसरी जगह पोस्टिंग हो सकेगी। हालांकि, विवादित मामलों में यह निर्देश लागू नहीं होंगे।

सीएम भजनलाल का विधायकों के लिए साफ संदेश

मुख्यमंत्री भजनलाल ने सभी मंत्रियों और विधायकों को यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वे सोच-समझकर ही अधिकारियों और कर्मचारियों की डिजायर करें। मुख्यमंत्री ने हाल ही में हुई बैठकों में विधायकों को कड़ा संदेश दिया था, जिसमें उन्होंने कहा कि कई विधायकों द्वारा अपनी पसंद से किए गए तबादलों के बाद अधिकारियों से मोहभंग हो जाता है। इसके बाद मंत्रियों पर उन्हें हटवाने के लिए दबाव बनने लगता है, जो सरकारी कामकाजी माहौल को प्रभावित करता है।

पारदर्शिता पर जोर

भजनलाल सरकार का यह कदम तबादलों में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए है, ताकि विपक्ष को सरकार पर आरोप लगाने का कोई मौका न मिले। विपक्ष अक्सर सरकार पर तबादला इंडस्ट्री के आरोप लगाता रहता है, और यह आरोप तबादला प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और मनमर्जी के चलते लगते हैं। मुख्यमंत्री ने यह साफ किया कि सरकार का केवल एक उद्देश्य है—तबादलों में पूरी तरह से पारदर्शिता लाना।

भजनलाल के फैसले को मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है

इस फैसले को भजनलाल सरकार का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। राज्य की ट्रांसफर पॉलिसी को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए यह एक अहम कदम है। सीएम भजनलाल के इस कदम से यह उम्मीद जताई जा रही है कि राज्य प्रशासन में सुधार आएगा और अधिकारियों के तबादले को लेकर कोई भी विवाद पैदा नहीं होगा।

10 जनवरी तक तबादला सूचियों में दिखेगा असर

इस फैसले का असर 10 जनवरी तक जारी होने वाली तबादला सूचियों में साफ नजर आएगा। सीएम भजनलाल ने यह संकेत दिया है कि अब राज्य में अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले पूरी पारदर्शिता के साथ होंगे, और इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार के पक्षपाती रुख से बचा जाएगा।

निष्कर्ष

मुख्यमंत्री भजनलाल का यह कदम तबादलों में पारदर्शिता लाने के लिए एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है। सरकार का यह निर्णय न केवल प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह विपक्ष के आरोपों का भी मुंहतोड़ जवाब होगा। इस फैसले से प्रशासनिक माहौल में सुधार की संभावना है और अधिकारियों के बीच एक नया विश्वास स्थापित होगा।

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