Rail News: कोटा-सवाई माधोपुर रेलखंड स्थित आमली और रवांजनाडूंगर स्टेशनों के बीच शुक्रवार रात करीब 2:15 बजे रेल पटरी टूटने का मामला सामने आया है। इस घटना के चलते करीब 130 किलोमीटर प्रति घंटा से दौड़ रही पुणे-निजामुद्दीन दुरंतो एक्सप्रेस (12263) दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल बाल बच गई। इसका श्रेय गश्त कर रहे उन दो ट्रैकमैन को दिया जा रहा है जिनकी सूझबूझ और समझदारी से से एक बड़ा हादसा होने से बच गया। इसी तरह बारां रेलखंड स्थित अंता स्टेशन के पास भी रेल पटरी टूटने का मामला सामने आया है।
डाउन लाइन पर टूटी थी पटरी
गश्त कर रहे ट्रैकमैन राकेश और छितर को डाउन लाइन की यह टूटी रेल पटरी नजर आई। यह पटरी बिना वेल्डिंग वाली जगह से टूटी हुई थी। वेल्डिंग नहीं होने से इस जगह पर कोई फिश प्लेट भी नहीं बांधी हुई थी। इसके बाद दोनों ने देखा कि ट्रेन आने के लिए हरे सिग्नल हो रहे हैं। इसका मतलब यहां किसी भी क्षण ट्रेन पहुंच सकती है और टूटी रेल पटरी के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो सकती है।
लाल लाइट दिखाते हुए लगाई दौड़
ट्रेन दुर्घटना का विचार आते ही दोनों ट्रैकमैनों के हाथ-पांव फूल गए। खतरा भांपते हुए आनन-फानन में राकेश ने ट्रेन आने की दिशा डाउन लाइन पर कोटा की तरफ लाल लाइट दिखाते हुए दौड़ लगाना शुरू कर दिया।
करीब 200 मीटर दौड़ने के बाद ट्रेन चालक को चेताने के लिए राकेश ने रेल पटरी पर पटाखे बांध दिए। इसके बाद राकेश लगातार लाल लाइट दिखाते हुए थोड़ा और दौड़ा। इतने में राकेश को ट्रेन आती नजर आ गई। इसके बाद राकेश मौके पर खड़ा होकर चालक को लगातार लाइट लाइट दिखाता रहा। दूसरा ट्रैकमैन छितर भी भी मौके पर खड़ा होकर लगातार लाल लाइट दिखाता रहा।
टूटी पटरी के पर निकली ट्रेन
इसी दौरान दुरंतो ट्रेन मौके पर पहुंच गई। लाल लाइट और इंजन की चपेट में आकर फूटे पटाखों की आवाज सुन कर खतरा भांपते हुए चालक ने ट्रेन के आपातकालीन ब्रेक लगाना शुरू कर दिए। लेकिन रुकते रुकते भी ट्रेन टूटी पटरी से चार पांच कोच आगे निकल गई। इसके बाद ट्रैकमैन ने मामले की सूचना अपने सुपरवाइजरों के दी। सूचना पर मौके पर पहुंचे सुपरवाइजर और अन्य कर्मचारियों टूटी पटरी के कारण स्थिति गंभीर नजर आई। इसके बाद सुपरवाइजर ने मौके पर एक फिश प्लेट मंगवाई। फिर ट्रैकमैनों ट्रेन के नीचे घुसकर टूटी पटरी की जगह पर फिश प्लेट को क्लैंप किया। इसके बाद ट्रेन को धीमी गति से मौके से निकला गया। इस दौरान ट्रेन घटनास्थल पर पर करीब सवा घंटे से अधिक खड़ी रही। इसके बाद सुबह तक मौके से अन्य सभी ट्रेनों को धीमी गति से निकल गया। शनिवार सुबह इस टूटी पटरी स्थाई मरम्मत की गई। इसके बाद रेल यातायात समान्य हो सका।
अंता में भी टूटी पटरी
इसी तरह बारां रेलखंड स्थित अंता में भी शुक्रवार रात करीब 12:30 बजे रेल पटरी टूट गई। यहां भी गश्त कर रहे ट्रैकमैन ने टूटी पटरी को देखकर तुरंत कार्रवाई की और ट्रेन को रोक दिया।
लगातार हो रही घटनाएं
यह कोटा रेल मंडल में पिछले 13 दिनों में रेल पटरी टूटने की चौथी घटना है। इससे पहले 16 जनवरी को कोटा-सवाईमाधोपुर रेलखंड स्थित इंद्रगढ़ स्टेशन के पास और 12 जनवरी को बूंदी खंड में श्रीनगर और जालंधरी स्टेशनों के बीच भी रेल पटरी टूटने की घटनाएं हुई थीं।
रेलवे प्रशासन की जांच
रेलवे प्रशासन इन घटनाओं की गंभीरता से जांच कर रहा है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।
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