राजस्थान - राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र, जो 31 जनवरी से शुरू हुआ था, 24 मार्च को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इस सत्र में कुल 24 बैठकें हुईं, जिनमें 181 घंटे 52 मिनट तक कार्यवाही चली। सत्र के दौरान नवाचार, पारदर्शिता और हंगामे के बीच कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए।
विधेयकों का विवरण
- इस सत्र में कुल 12 विधेयक पेश किए गए, जिनमें से 10 विधेयक सदन में पारित हो गए और 3 विधेयक प्रवर समिति को भेजे गए।
- राजस्थान विधियां निरसन विधेयक-2025: 45 पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को समाप्त कर कानूनी सुधार की दिशा में कदम बढ़ाया गया।
- कोचिंग सेंटर नियंत्रण एवं विनियमन विधेयक-2025: उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा द्वारा 19 मार्च को पेश, लेकिन आखिरी दिन चर्चा के बाद प्रवर समिति को भेजा गया।
- विकास प्राधिकरण संशोधन विधेयक-2025: भरतपुर और बीकानेर विकास प्राधिकरण अध्यादेश को नियमित विधेयक में परिवर्तित कर पारित किया गया।
- मीसा बंदियों को पेंशन संबंधी विधेयक: आपातकाल में जेलों में बंद नेताओं को पेंशन सहित अन्य सुविधाएं और व्यवस्था का प्रावधान।
- भूजल संरक्षण एवं प्रबंधन अथॉरिटी बिल: जल संकट को देखते हुए पेश, लेकिन विस्तृत चर्चा के बाद प्रवर समिति को भेजा गया।
- धर्मांतरण विरोधी विधेयक-2025: पेश किया गया, जिस पर चर्चा नहीं हो पाई।
प्रश्नों और प्रस्तावों का विवरण
- सत्र के दौरान कुल 9800 प्रश्न प्राप्त हुए, जिनमें 4480 तारांकित और 5302 अतारांकित प्रश्न दर्ज किए गए। 10,049 प्रश्नों में से 9453 के उत्तर उपलब्ध हुए, जिससे 95% प्रश्नों के उत्तर सुनिश्चित हुए।
- कुल 231 स्थगन प्रस्ताव (नियम 50) प्राप्त हुए, जिनमें 71 प्रस्तावों पर सदन में बोलने का अवसर मिला।
- विशेष उल्लेख के 337 प्रस्ताव (नियम 295) में से 293 प्रस्ताव सदन में पढ़े गए, 92 प्रस्तावों के संदर्भ में राज्य सरकार से जानकारी प्राप्त की गई और 40 प्रस्ताव विधायकों की अनुपस्थिति के कारण व्यपगत कर दिए गए।
- सदन में कुल 767 पर्चियां प्रस्तुत हुईं, जिनमें से शलाका द्वारा 84 पर्चियां चयनित की गईं।
- ध्यानाकर्षण के लिए 811 प्रस्तावों की सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिनमें 7 प्रस्ताव अग्राह्य किए गए और 804 प्रस्ताव राज्य सरकार को तथ्यात्मक जानकारी के लिए भेजे गए। 400 प्रस्तावों के उत्तर प्राप्त हुए।
- आय-व्ययक अनुमान (2025-26) 19 फरवरी को उपस्थापित किया गया, जिसमें पिछले सत्र से एक दिन अधिक, कुल 5 दिन सामान्य वाद-विवाद निर्धारित कर 96 विधायकों ने भाग लिया। 27 फरवरी को उपमुख्यमंत्री ने परिवर्तित आय-व्ययक पर राज्य सरकार का उत्तर दिया।
सदन का नया स्वरूप
सत्र की शुरुआत में सदन को पेपरलेस बनाने के प्रयास के तहत आईपैड की सुविधा प्रदान की गई और सदन का नया स्वरूप, गुलाबी शहर की तर्ज पर, गुलाबी रंग के नये कलेवर में सजाया गया।
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