जयपुर, 16 दिसंबर। मानसरोवर स्थित उत्कर्ष कोचिंग सेंटर में छात्रों के बेहोश होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। घटना के बाद नगर निगम मानसरोवर जोन के उपायुक्त ने संस्थान का निरीक्षण किया और अपनी रिपोर्ट नगर निगम प्रशासन को सौंपी। इस मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है और कोचिंग सेंटर से घटना की विस्तृत जानकारी मांगी है।
पिछले सप्ताह उत्कर्ष कोचिंग सेंटर में पढ़ाई के दौरान कई छात्र अचानक बेहोश हो गए। छात्रों ने शिकायत की कि कक्षाओं में भीड़भाड़ और पर्याप्त वेंटिलेशन की कमी के कारण दमघुटने जैसी स्थिति बन गई। घटना के बाद छात्रों को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई।
नगर निगम मानसरोवर जोन के उपायुक्त ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि कोचिंग सेंटर में क्षमता से अधिक छात्रों को बैठाया गया था। इसके अलावा, वेंटिलेशन और आपातकालीन व्यवस्थाओं की भी कमी देखी गई। उपायुक्त ने अपनी रिपोर्ट में कोचिंग सेंटर पर नियमानुसार कार्रवाई करने की सिफारिश की है।
राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा कि छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आयोग ने कोचिंग प्रबंधन से 15 दिनों के भीतर जवाब मांगा है।
घटना के बाद छात्रों और उनके अभिभावकों ने कोचिंग सेंटर प्रबंधन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि संस्थान केवल मुनाफा कमाने के लिए छात्रों की सुरक्षा की अनदेखी कर रहा है।
नगर निगम और शिक्षा विभाग ने कोचिंग सेंटरों को चेतावनी दी है कि वे सुरक्षा और स्वास्थ्य मानकों का कड़ाई से पालन करें। अधिकारियों ने कहा कि अगर इस तरह की घटनाएं दोबारा होती हैं, तो दोषी संस्थानों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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