कोटा। जयपुर केंद्रीय अन्वेषण (सीबीआई) ने जबलपुर में भी रेलवे के एक बड़े अधिकारी के घर छापामार कार्यवाही की है। इस कार्रवाई में कुछ विशेष हाथ नहीं लगने की जानकारी सामने आ रही है। कोटा में पड़े छापे के बाद अधिकारी ने संभवत: अपने घर से पहले ही आपत्तिजनक चीजें हटा दीं। इसके अलावा सीबीआई ने कोटा में भी रंगपुर रोड भदाना स्थित एक अन्य कर्मचारी के घर भी छापामार कार्रवाई की है। इस कार्रवाई में भी सीबीआई के हाथ खाली बताए जा रहे हैं।
हालांकि सूत्रों का कहना है कि सीबीआई को कुछ जरूरी दस्तावेज हाथ लगे हैं। मामले में कार्रवाई समाप्त होने पर इनका खुलासा किया जा सकता है।
यही है मास्टरमाइंड
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने जिस अधिकारी के घर छापामार कार्रवाई की है, वही इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड है। इसी के इशारे पर अभ्यर्थी और परीक्षा आवेदन फार्म बदले गए। यही अधिकारी इस पूरे फर्जीवाड़े का जिम्मेदार है। सीबीआई की एफआईआर में भी इस अधिकारी का नाम अज्ञात अधिकारी के नाम से दर्ज है।
और भी केस हो सकते हैं दर्ज
सूत्रों ने बताया कि पिछले कई दिनों से चल रही कार्रवाई के बाद सीबीआई के हाथ कई महत्वपूर्ण सामग्री लगी है। साथ ही अन्य कई अधिकारियों के नाम भी सामने आए हैं। इसके चलते इस मामले में और भी कई एफआईआर दर्ज हो सकती हैं। जांच में सामने आया है कि यह एक बड़ा रैकेट है। इसमें दूसरे रेलवे के अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि कोटा मंडल में डमी अभ्यर्थी के जरिए फर्जी तरीके से दो महिला कर्मचारी एस एंड टी विभाग में हेल्पर सपना मीणा और सोगरिया स्टेशन पर पॉइंट्समैन आशा मीणा के रेलवे की नौकरी हासिल करने का मामला सामने आया है। इस मामले में हुए पैसे के लेन-देन में गार्ड राजेंद्र मीणा पर भी आरोप है। इसके चलते प्रशासन ने पिछले करीब दो महीने से तीनों को निलंबित कर रखा है।
अभी तक की एफआईआर में सीबीआई ने आशा मीणा, राजेंद्र मीणा और दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल डमी कैंडिडेट लक्ष्मी तथा अज्ञात अधिकारी और कर्मचारी मीणा के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जांच में सीबीआई तेजी से काम कर रही है। इससे लग रहा है कि सीबीआई मामले का जल्द खुलासा कर सकती है।
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