जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अपने कार्य के प्रति समर्पण और अथक मेहनत के कारण राज्य की राजनीति में एक नई पहचान बना रहे हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद से शर्मा ने खुद को जनता की सेवा और राज्य के विकास में पूरी तरह झोंक दिया है। उनकी दिनचर्या और कार्यशैली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेहनत को दर्शाती है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की कार्यशैली को देखकर साफ है कि वह अपने स्वास्थ्य और कार्यक्षमता को प्राथमिकता देते हैं। सुबह 6 बजे से उनका दिन शुरू होता है और रात 12 बजे तक वह लगातार काम में लगे रहते हैं। सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, शर्मा प्रतिदिन 15 से 18 घंटे काम करते हैं और शायद ही कभी विश्राम की स्थिति में होते हैं।
12 दिसंबर को मुख्यमंत्री ने जयपुर में सुबह 'विकसित राजस्थान' के लिए दौड़ लगाई। इसके बाद जोधपुर में आयोजित राज्यस्तरीय रोजगार उत्सव एवं युवा सम्मेलन में भाग लिया। शाम को जयपुर लौटकर 17 दिसंबर को होने वाले प्रथम वर्षगांठ समारोह की रणनीति पर अधिकारियों के साथ बैठक की।
13 दिसंबर को अजमेर में राज्यस्तरीय किसान सम्मेलन में भाग लिया। इसके बाद 14 दिसंबर को महिला सम्मेलन और 15 दिसंबर को अंतोदय सेल शिविर के कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी रहेगी।
9 से 11 दिसंबर तक आयोजित राइजिंग राजस्थान ग्लोबल समिट ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की नेतृत्व क्षमता को और मजबूती दी। इस समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 दिसंबर को जयपुर आकर उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री शर्मा की मेहनत के कारण समिट सफल रही और उन्होंने राजस्थान को निवेशकों के लिए आकर्षक गंतव्य के रूप में प्रस्तुत किया।
मुख्यमंत्री बनने के एक साल के भीतर भजनलाल शर्मा ने राजनीतिक कुशलता का प्रदर्शन करते हुए विधानसभा उपचुनावों में 7 में से 5 सीटें भाजपा के खाते में डाल दीं। यह लोकसभा चुनावों में हुई हार के बाद एक बड़ी जीत थी। उनकी इस सफलता ने उनके नेतृत्व को मजबूती दी और अब वे राजस्थान में भाजपा का सबसे बड़ा चेहरा बनकर उभरे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दो बार जयपुर आना, पहले राइजिंग राजस्थान समिट के उद्घाटन के लिए और अब 17 दिसंबर को सरकार की प्रथम वर्षगांठ के समारोह के लिए, यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पीएम का विशेष संरक्षण प्राप्त है। शर्मा का ग्राफ लगातार ऊंचा हो रहा है और भाजपा में उनके मुकाबले कोई बड़ा नेता नजर नहीं आता।
मुख्यमंत्री शर्मा की शारीरिक फिटनेस और सक्रियता ने उन्हें जनता और भाजपा में एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित किया है। उनके विपरीत, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उम्र और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण सीमित सक्रियता दिखा सके। शर्मा ने यह साबित किया है कि एक स्वस्थ और सक्रिय नेता जनता के हित में अधिक काम कर सकता है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मेहनत, राजनीतिक कुशलता और कार्यशैली ने राजस्थान की राजनीति में उनकी सशक्त छवि बनाई है। उनके नेतृत्व में राज्य तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है, और उनकी कार्यशैली आने वाले समय में भाजपा और राजस्थान की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।
No comments yet. Be the first to comment!
Please Login to comment.
© G News Portal. All Rights Reserved.