जयपुर, 6 मार्च 2025। राज्य सरकार गौशालाओं के रख-रखाव और गौवंश के संरक्षण के प्रति संवेदनशील है। गुरुवार को विधानसभा में गोपालन मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में गौशालाओं को देय अनुदान सहायता राशि में निरंतर वृद्धि की जा रही है। वर्ष 2024-25 में अनुदान राशि में 10 फीसदी की वृद्धि की गई थी, जबकि आगामी बजट वर्ष 2025-26 में इसे 15 फीसदी तक बढ़ाने की घोषणा की गई है।
गौशालाओं की स्थिति एवं पात्रता
मंत्री ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 4 हजार 140 गौशालाएं संचालित हैं, जिनमें से 3 हजार 43 गौशालाएं अनुदान सहायता राशि के लिए पात्र हैं। अनुदान उन्हीं गौशालाओं को दिया जाता है, जिनमें 100 या उससे अधिक गौवंश संरक्षित हैं। पात्र गौशालाओं को वर्ष में 9 माह का अनुदान दिया जाता है, जबकि वर्षा ऋतु (अगस्त, सितम्बर और अक्टूबर) में चारे की पर्याप्त उपलब्धता के कारण अनुदान नहीं दिया जाता। भीलवाड़ा जिले की पात्र 37 गौशालाओं को अनुदान दिया गया है।
संरक्षण योजनाएं
गोपालन मंत्री ने बताया कि गौवंश संरक्षण के लिए ‘राजस्थान गौ संरक्षण एवं संवर्धन निधि नियम 2016 संशोधित नियम 2021’ के तहत कई योजनाएं संचालित हैं। इनमें पंचायत समिति स्तरीय नंदीशाला योजना, जनसहभागिता योजना, गौशाला विकास योजना, गौकाष्ठ मशीन योजना शामिल हैं। इन योजनाओं के माध्यम से पात्र गौशालाओं को चारा-पानी, पशु-आहार और आधारभूत परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए सहायता राशि प्रदान की जाती है।
भूमि आवंटन एवं सहायता विवरण
श्री कुमावत ने बताया कि भीलवाड़ा जिले में गौशालाओं और नंदीशालाओं को भूमि आवंटन का कोई प्रकरण लंबित नहीं है। उन्होंने अनुदान और सहायता से वंचित अपात्र गौशालाओं की सूची सदन के पटल पर रखी।
सरकार की इस पहल से गौशालाओं के संचालन में सुधार होगा और गौवंश संरक्षण के प्रयासों को और अधिक सशक्त बनाया जा सकेगा।
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