जयपुर। राजस्थान के बिजली उपभोक्ताओं को अगले महीने नवंबर से बिजली के बिलों में एक बड़ी आर्थिक मार झेलनी पड़ सकती है। घरेलू उपभोक्ताओं को कुछ मामूली राहत दी गई है, लेकिन औद्योगिक वर्ग पर भारी शुल्क और सरचार्ज का बोझ डाला गया है। इन नए प्रावधानों से बिजली के बिल उपभोक्ताओं को जोर का झटका देने वाले हैं, जिसे "बैक डोर" से डाला गया एक बड़ा भार माना जा रहा है।
सबसे बड़ा झटका 300 यूनिट से अधिक बिजली का उपयोग करने वाले उद्योगों को लगा है।
स्थायी शुल्क (Fixed Charge) दोगुना: इन उद्योगों के लिए स्थायी शुल्क 450 रुपए प्रति किलोवॉट से बढ़ाकर सीधा 800 रुपए प्रति किलोवॉट कर दिया गया है। यह लगभग 78 प्रतिशत की भारी वृद्धि है।
रेगुलेटरी सरचार्ज: पहले शून्य रहे रेगुलेटरी सरचार्ज के रूप में 1 रुपए प्रति यूनिट का अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है।
लोड फैक्टर राहत समाप्त: उद्योगों को पूर्व में मिल रही 1 रुपए प्रति यूनिट की लोड फैक्टर राहत भी खत्म कर दी गई है।
कुल लागत में वृद्धि: हालांकि बेसिक चार्ज में 65 पैसे प्रति यूनिट की कटौती की गई है, लेकिन अन्य शुल्कों में हुई वृद्धि के कारण उद्योगों के लिए कुल विद्युत लागत में लगभग 2.50 रुपए प्रति यूनिट की वृद्धि हो गई है।
स्मॉल इंडस्ट्री: 500 यूनिट से ज्यादा उपभोग पर स्थायी शुल्क 120 रुपए एचपी प्रतिमाह से बढ़ाकर 150 रुपए किया गया है।
मध्यम उद्योग: प्रति यूनिट दर 7 रुपए से कम कर 6.50 रुपए की गई है, लेकिन बिलिंग डिमांड राशि 255 रुपए प्रति केवी से बढ़ाकर 275 रुपए की गई है।
वृहद उद्योग: अलग-अलग टैरिफ (7.30 रुपए और 6.30 रुपए) को समान रूप से 6.50 रुपए प्रति यूनिट किया गया है, लेकिन स्थायी शुल्क 300 रुपए प्रति केवी से बढ़ाकर 380 रुपए प्रति केवी प्रति माह कर दिया गया है।
घरेलू उपभोक्ताओं को कुछ श्रेणियों में आंशिक राहत के बावजूद, बड़े उपभोग पर शुल्क बढ़ा है:
300 यूनिट तक: इस श्रेणी के उपभोक्ताओं पर कोई अतिरिक्त भार नहीं है।
500 यूनिट तक: इन्हें प्रति यूनिट 35 पैसे और 65 पैसे की छूट दी गई है, लेकिन स्थायी शुल्क 400 रुपए प्रति कनेक्शन प्रति माह से बढ़ाकर 500 रुपए किया गया है।
500 यूनिट से ज्यादा: टैरिफ में 35 और 50 पैसे की कमी की गई है, पर स्थायी शुल्क 450 रुपए प्रति कनेक्शन से बढ़ाकर सीधे 800 रुपए किया गया है।
रेगुलेटरी सरचार्ज: 100 यूनिट प्रतिमाह उपभोग करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं से 0.70 रुपए प्रति किलोवाट और अन्य डोमेस्टिक व श्रेणियों से 1 रुपए प्रति किलोवाट तक रेगुलेटरी सरचार्ज लिया जाएगा। यह सरचार्ज फ्यूल व पावर परचेज का मिश्रण है।
ये नए प्रावधान नवंबर माह से बिजली के बिलों में लागू होंगे, जिसका सीधा असर राजस्थान की अर्थव्यवस्था और आम आदमी की जेब पर पड़ने वाला है।
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